नई दिल्ली।
त्योहारों के दौरान और ट्रेन में नीचे की सीट (लोअर बर्थ) पर सफर करने के लिए रेल यात्रियों को अपनी जेब कुछ ज्यादा ढीली करनी पड़ सकती है। अगर रेलवे बोर्ड किराया समीक्षा समिति की सिफारिशें मान लेता है तो ऐसा ही होने वाला है। समिति ने रेलवे बोर्ड को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।
बता दें कि भारतीय रेलवे से रोजाना ढाई करोड़ यात्री सफर करते हैं। इनमें से ज्यादातर लोगों के लिए खराब सेवा के बावजूद रेलवे का सफर उनकी आदत में शुमार हो चुका है, लेकिन इन सबसे रेलवे को कोई फर्क नहीं पड़ता और अपनी कमाई बढ़ाने के लिए वह एक के बाद एक ऐसी योजना लाता रहा है।
सूत्रों के मुताबिक प्रीमियम ट्रेनों में फ्लेक्सी किराया प्रणाली की समीक्षा के लिए गठित समिति ने सुझाव दिया है कि रेलवे को एयरलाइंस और होटलों की तरह डायनॉमिक मूल्य मॉडल अपनाना चाहिए। जिस तरह से विमान में यात्रियों को आगे की लाइन की सीटों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ता है उसी तरह ट्रेनों में भी यात्रियों से उनकी पसंद की बर्थ के लिए अधिक किराया वसूला जाना चाहिए।
यही नहीं, सुविधाजनक समयसारिणी और किसी विशेष मार्ग पर लोकप्रिय ट्रेनों का किराया बढ़ाया जा सकता है। समिति ने सुझाव दिया है कि एक किराये के बजाय रेलवे को त्योहारी सीजन के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए और कम व्यस्त महीनों में किराये में कमी करनी चाहिए।
इसके अलावा असुविधाजनक समय पर अपने गंतव्य पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को रियायत दी जानी चाहिए। मसलन रात 12 से सुबह चार बजे और दोपहर को एक बजे से शाम पांच बजे तक पहुंचने वाली ट्रेनों के यात्रियों को किराये में रियायत दी जा सकती है।
समिति में रेलवे बोर्ड के अधिकारी, नीति आयोग के सलाहकार रविंद्र गोयल, एयर इंडिया की कार्यकारी निदेशक (राजस्व प्रबंधन) मीनाक्षी मलिक, प्रोफेसर एस श्रीराम और ली मेरिडियन दिल्ली के राजस्व निदेशक इति मणि शामिल हैं।
समिति ने फ्लेक्सी किराया प्रणाली में इन बदलावों का सुझाव दिया है। इस प्रणाली में प्रीमियम ट्रेनों में किराया 50 प्रतिशत तक बढ़ जाता है, जिसका विभिन्न हलकों से विरोध हो रहा है। फ्लेक्सी किराया प्रणाली में आधार किराया प्रत्येक 10 प्रतिशत सीटों की बुकिंग के बाद 10 प्रतिशत बढ़ जाता है। यह बढ़ोतरी 50 प्रतिशत तक होती है?
समिति ने रातभर में यात्रा पूरी करने वाली और पैंट्री कार सुविधा वाली रेलगाडि़यों में प्रीमियम शुल्क का भी सुझाव दिया है। सितंबर, 2016 में रेलवे ने राजधानी, शताब्दी और दूरंतो एक्सप्रेस जैसी कई प्रीमियम ट्रेनों में फ्लैक्सी किराये की शुरुआत की थी। ऐसा किए जाने से इसकी कीमत कई बार हवाई सफर से ज्यादा हो जाया करती थी, जिससे ट्रेन में कई सीटें खाली रह जाती थीं। हालांकि अब इसे खत्म कर किराये में 10% इजाफे की बात कही जा रही है।
2015 में प्लेटफॉर्म टिकट के दाम में दोगुना वृद्धि करते हुए 10 रुपये कर दिया गया। पहले यह टिकट 5 रुपये में मिलता था। पिछले साल जीएसटी लागू होने से राजधानी, शताब्दी और दुरंतो समेत सभी ट्रेनों के फर्स्ट और सेकेंड एसी के किराये में तीन फीसदी की वृद्धि हुई।