ओपि‍नि‍यन पोस्‍ट 
साल 2012 में दिल्ली में हैवानियत की सभी हदें पार करते हुए निर्भया गैंगरेप को शायद ही कोई भूला होगा, इस वारदात ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है, मगर अब इस परिवार से जुड़ी एक अच्छी खबर सामने आई है। जल्द ही निर्भया का भाई सुनील ( परिवर्तित नाम) आसमान की उड़ान भरेगा। मगर सुनील ( परिवर्तित नाम) के यहां तक पहुंचने में सबसे बड़ा हाथ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी का है, परिवार के इस सपने को पूरा करने में जिस तरह से राहुल गांधी ने मदद की, निर्भया की मां ने उसके लिए राहुल को धन्यवाद दिया है।

निर्भया की मां आशा देवी ने अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए लंबी लड़ाई लड़ी। इस घिनौनी हरकत के बाद पूरा देश सड़कों पर आ गया था। इस गैंगरेप ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा था। इस मामले में सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और फिर इनपर गैंगरेप और हत्या का मामला चलाया गया। इसमें से एक की मौत तो पुलिस कस्टडी में ही हो गई। वहीं चार बालिग आरोपियों पर केस चला और इन्हें गैंगरेप और हत्या का दोषी पाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। वहीं एक नाबालिग, जिसने लड़की के साथ सबसे ज्यादा हैवानियत की थी, उसे तीन साल के लिए सुधार गृह में भेज दिया गया।

‘राहुल गांधी परिवार के साथ पूरे वक्त खड़े रहे’

इस हादसे के बाद पूरा परिवार टूट गया था। खासतौर पर अपनी बहन निर्भया को खोने के बाद सुनील( परिवर्तित नाम) दुखी था। मगर इसके बाद भी परिवार ने हिम्मत नहीं छो़ड़ी और सनील (परिवर्तित नाम) ने प्रोफेशनल फ्लाइंग का कोर्स पूरा किया। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी परिवार के साथ खड़े रहे। सुनील ( परिवर्तित नाम) की पढ़ाई का सारा खर्चा उठाने के साथ ही राहुल गांधी हमेशा सुनील को फोन करके उसका हौसला बढ़ाते थे। इसी हौसलाअफजाई के बूते सुनील ( परिवर्तित नाम) ने इस सपने को साकार किया। जब निर्भया के साथ ये हादसा हुआ था, उस वक्त भाई सुनील 12वीं क्लास में पढ़ रहा था और सेना में जाना चाहता था। मगर इस हैवानियत भरी करतूत ने उसे अंदर से पूरी तरह तोड़ दिया।

निर्भया के भाई को फोन करके हौसला बढ़ाते थे राहुल-

निर्भया की मां आशा देवी ने बताया कि इस दुख की घड़ी में राहुल गांधी आगे आए और उन्होंने सुनील को सांत्वना दी और परिवार को अच्छी जिंदगी देने के लिए कुछ बेहतर करने की प्रेरणा दी। जब राहुल गांधी को सुनील के सेना में जाने की इच्छा पता चली तो उन्होंने उसे पायलट ट्रेनिंग कोर्स ज्वाइन करने की नसीहत दी। मां आशा देवी की मानें तो साल 2013 में बोर्ड एग्जाम पास होने के बाद सुनील ( परिवर्तित नाम) ने राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय उड़ान एकेडमी में दाखिला लिया और पायलट बनने की शुरुआत हुई। हालांकि इस दौरान भी सुनील के मन में सेना में भर्ती होने का ख्वाब पल रहा था। मगर वक्त नहीं मिलने की वजह से वो तैयारी नहीं कर पाया।

कभी हार न मानने का जज्बा काम आया-

18 महीने के पायलट ट्रेनिंग कोर्स के दौरान पंकज( परिवर्तित नाम) की नजर निर्भया गैंगरेप केस के ट्रायल पर भी रही। इसी दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी उनसे अक्सर फोन पर बात करते और जिंदगी में कभी न हार मानने वाले जज्बे को अपनाने की नसीहत देते रहते।
मां आशा देवी ने बताया कि राहुल गांधी ने ट्रेनिंग खत्म होने के बाद भी सुनील का साथ दिया और ट्रेनिंग के बारे में भी जानकारी ली। इस वक्त सुनील गुरुग्राम में एक कमर्शियल एयरलाइंस के साथ फ्लाइंग की फायनल ट्रेनिंग ले रहे हैं। जल्द ही वो एयरक्राफ्ट उड़ाते नजर आएंगे।मां आशा देवी ने बताया कि केवल राहुल गांधी ही नहीं कई बार प्रियंका गांधी ने भी फोन करके सुनील और परिवार का हालचाल जाना। निर्भया का सबसे छोटा भाई इस वक्त पुणे में इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है। वहीं उसके पिता दिल्ली एयरपोर्ट के टर्मिनल टी-3 पर तैनात हैं।

महिला आयोग ने तिहाड़ जेल प्रशासन को नोटिस भेजा-

निर्भया गैंगरेप मामले में बुधवार को ही दिल्ली महिला आयोग ने तिहाड़ जेल प्रशासन के साथ ही दक्षिणी दिल्ली के डीसीपी को नोटिस जारी करते हुए आरोपियों को फांसी में हो रही देरी पर सवाल उठाए। इस मामले में निर्भया की मां आशा देवी ने दिल्ली महिला आयोग को शिकायत की थी कि सुप्रीम कोर्ट से पांच महीने पहले फांसी की सजा का ऐलान होने के बाद भी अबतक गैंगरेप के गुनहगारों को फांसी क्यों नहीं दी गई है।