चंडीगढ़। नवजोत सिंह सिद्धू ने बृहस्‍पतिवार को आवाज-ए-पंजाब फोरम की घोषणा की और कहा कि अभी यह पार्टी नहीं है। फिर भी ‘आवाज-ए-पंजाब’ फ्रंट पंजाब की 41 विधानसभा सीटों पर असर डाल सकता है।   यह एक जैसी सोच वाले लोगों का समूह है। हम 15 दिन सोचेंगे, फिर बताएंगे कि हम पार्टी हैं या नहीं, चुनाव लड़ेंगे या नहीं। हम पंजाब के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार हैं। परगट सिंह और बैंस ब्रदर्स-सिमरजीत सिंह बैंस और बलविंदर सिंह बैंस के साथ एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राज्य सभा से अपने इस्तीफे, आप में जाने की चर्चा और पंजाब से चुनाव लड़ने पर खुलकर बात की। सिद्धू इससे पहले भाजपा के राज्यसभा सदस्‍य थे,  लेकिन इसी साल जुलाई में उन्होंने राज्यसभा की सदस्‍यता से इस्तीफा दे दिया था।

उन्‍होंने कहा, “मेरे इस्तीफे से आम आदमी पार्टी का कुछ लेना देना नहीं है। केजरीवाल ने ट्वीट कर कहा भी था कि मैंने कोई शर्त नहीं रखी थी, लेकिन उन्होंने आधा सच बताया था। मेरे से कहा गया कि आप इलेक्शन मत लड़ो, पत्नी को लड़ा दो, उसे मंत्री बना देंगे। मुझे आप की हरकतों पर एक गाना याद आ गया। भोली सूरत दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे।….केजरीवाल के बारे में सिद्धू ने कहा, ”उन्होंने मीडिया को आधी ही बात बताई। मैं बात को पूरी कर देता हूं। केजरीवाल मुझे दो साल से बुला रहे थे। मैंने उनसे कहा था कि मुझे कुछ नहीं चाहिए। लेकिन मैं उनके मन को टटोल रहा था। जानना चाहता था कि उनका मनसूबा क्या है? पूछना चाहता था कि आखिर मुझसे चाहते क्या हो? उन्होंने कहा कि सिद्धूजी खुद इलेक्शन मत लड़ो। पत्नी को लड़ा दो,  मंत्री बना देंगे। …भोली सूरत, दिल के खोटे, नाम बड़े और दर्शन छोटे। वे भी मुझे डेकोरेटिव पीस बनाकर रखना चाहते थे। लेकिन मेरे सिर पर लिखा है-नॉट फॉर सेल…।”

क्‍या खास कहा सिद्धू ने

सिद्धू ने कहा कि कभी ईस्ट इंडिया कंपनी हिंदुस्तान में आई थी। 40 हजार अंग्रेजों ने 40 करोड़ हिंदुस्तानियों को कैद कर लिया था। अब भी 40 लोग मिलकर पंजाब पर कब्जा करना चाहते हैं। 10 करोड़ पंजाबी कभी यसमैन का रोल अदा नहीं कर सकते। इसलिए मैं कहता हूं कि मुझे जलील किया गया। लोकतंत्र कभी अहंकार सहन नहीं करता। सिद्धू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, मोर्चे का मकसद इस राज्य को खुशहाल करना है। अच्छे लोगों को सिर्फ डेकोरेशन पीस की तरह रखो, काम निकल जाने पर मक्खी की तरह निकाल कर फेंक दो। हमारे सामने दो एविल्स में से एक को चुनने की चुनौती है। चंदन का पेड़ अगर 100 बबूलों के बीच भी हो तो उसकी खुशबू अलग होती है। आवाज-ए-पंजाब की राजनीति पंजाब को समृद्ध बनाने की है। हम इस दिशा में ही काम करेंगे। एक वक्त था जब पंजाब हर क्षेत्र में अव्वल था। आज देखिए क्या हो गया है। बेरोजगारी से निपटना है। पंजाब पर 2 लाख करोड़ का कर्ज है।