indian cricket team in australlia

भारतीय शेरों ने कंगारुओं को पहली बार उनके घर पर दी पटखनी, जीती 71 साल में जीती टेस्ट सीरीज

indian cricket team in australliaविराट कोहली की कप्तानी वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने नए साल का आगाज एक ऐसी उपलब्धि के साथ किया जिसका भारतीय क्रिकेट प्रेमियों को पिछले सात दशक से इंतजार था. विराट कोहली की टीम ने चार मैचों की टेस्ट सीरीज में ऑस्ट्रेलिया को उसके घर में घुसकर 2-1 के अंतर से धमाकेदार जीत दर्ज की. बड़े-बड़े दिग्गज आए और गए लेकिन ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर ऐसी सफलता और कोई एशियाई टीम हासिल नहीं कर सकी.

इससे पहले भारतीय टीम सुनील गावस्कर, कपिल देव और सौरव गांगुली की कप्तानी में सीरीज जीत के करीब पहुंची थी लेकिन अंत में बाजी हाथ नहीं लगी. साल 1980-81 में सुनील गावस्कर की कप्तानी में सीरीज 1-1 से बराबर रही थी. इसके बाद साल 1985-86 में कपिल देव की कप्तानी में 3 मैचों की सीरीज 0-0 से बराबर रही थी. वहीं साल 2003-04 में सौरव गांगुली की कप्तानी वाली टीम इंडिया सीरीज जीत के बेहद करीब पहुंच गई थी. अंत में सीरीज 1-1 की बराबरी पर खत्म हुई थी. लेकिन विराट की टीम इन सभी से एक कदम आगे निकलकर 71 साल में पहली सीरीज जीतने में कामयाब हुई.

भारतीय टीम को बॉल टेंपरिंग मामले में दोषी पाए जाने के बाद एक साल के प्रतिबंध का सामना कर रहे ऑस्ट्रेलिया के दिग्गज क्रिकेटर स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की गैरमौजूदगी की वजह से सीरीज की शुरुआत से पहले ही फेवरेट के रूप में देखा जा रहा था. ऑस्ट्रेलिया के पूर्व दिग्गज खिलाडिय़ों ने भी कहा था कि विराट कोहली की कप्तानी वाली टीम इंडिया को मेजबान टीम के खिलाफ फेवरेट है लेकिन उन्होंने यह भी कहा था कि बावजूद इसके ऑस्ट्रेलियाई टीम को उसके घर पर मात देना आसान नहीं होगा. लेकिन भारत ने इन सभी की भविष्यवाणी को सही साबित करते हुए सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली.

सीरीज के एडिलेड में खेले गए मैच को टीम इंडिया ने 31 रन के अंतर से अपने नाम करने में सफल रही और 1-0 की शुरुआती बढ़त हासिल करने में सफल रही. इस मैच में टीम इंडिया की जीत के हीरो टीम इंडिया की नई दीवार कहे जाने वाले चेतेश्वर पुजारा रहे. मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया ने एक समय 86 रन पर पांच और 127 रन पर छह विकेट गंवा दिए थे. ऐसे में दूसरा छोर थामते हुए पुजारा ने 123 रन की शानदार पारी खेलते हुए टीम को 250 के स्कोर तक पहुंचाया. इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कहर ढाते हुए मेजबान टीम को 235 रन पर ढेर कर दिया. इसके बाद दूसरी पारी में भारत के लिए एक बार फिर चेतेश्वर पुजारा ने 71 अजिंक्य रहाणे ने 70 रन की पारी खेलकर टीम को 306 के स्कोर तक पहुंचाया. चौथी पारी में जीत के लिए आवश्यक 323 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं करने दिया और 31 रन से जीत दर्ज की.

1-0 की बढ़त के साथ पर्थ की तेज तर्रार विकेट पर 2-0 की अपराजेय बढ़त हासिल करने के इरादे से पहुंची विराट सेना को मुंह की खानी पड़ी. ऑस्ट्रेलिया ने मैच में टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया और इसके बाद मैच भी उनके पक्ष में चला गया. विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे को छोडक़र अन्य कोई बल्लेबाज पिच पर नहीं टिक सका. विराट कोहली ने पहली पारी में 123 रन की पारी खेली. रहाणे ने 51 रन बनाए. चौथी पारी में भारतीय टीम जीत के लिए आवश्यक 287 रन के लक्ष्य को हासिल नहीं कर सकी और 146 रनों से मैच गंवा दिया. इसी के साथ सीरीज नाटकीय ढंग से 1-1 से बराबर हो गई.

लेकिन सीरीज के मेलबर्न में खेले गए सीरीज के तीसरे टेस्ट में भारतीय टीम ने शानदार वापसी की. केएल राहुल और मुरली विजय को भारतीय टीम मैनेजमेंट ने अंतिम एकादश से बाहर का रास्ता दिखाया और मयंक अग्रवाल को टेस्ट डेब्यू का मौका दिया. पहले बल्लेबाजी करते हुए टीम इंडिया ने पुजारा के शतक(106), विराट कोहली(82), मयंक अग्रवाल(76) और रोहित शर्मा(62) के अर्धशतक की बदौलत पहली पारी 7 विकेट पर 443 रन पर घोषित कर दी. इसके बाद भारतीय गेंदबाजों ने कहर बरपाते हुए कंगारुओं को 151 रन पर ढेर कर दिया. गेंदबाजी में बुमराह ने 33 रन देकर 6 विकेट लिए. भारत के पास कंगारुओं को उनके घर पर फॉलोऑन देने का बेहतरीन मौका था लेकिन विराट कोहली ने ऐसा न करते हुए दोबारा बल्लेबाजी का फैसला किया और कंगारुओं के सामने चौथी पारी में जीत के लिए 399 रन का लक्ष्य रखा जिसे वो हासिल नहीं कर पाई और टीम इंडिया ने सीरीज में 2-1 की अपराजेय बढ़त हासिल कर ली।.

2-1 की अपराजेय बढ़त के साथ सिडनी पहुंची टीम इंडिया ने एक बार फिर टॉस जीतकर शानदार बल्लेबाजी की. पुजारा ने शानदार फॉर्म जारी रखते हुए. 193 रन की पारी खेली वो विदेशी सरजमीं पर अपने पहले दोहरे शतक से महज 7 रन से चूक गए. पुजारा के अलावा 19 साल के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज रिषभ पंत ने भी धमाकेदार पारी खेलते हुए नाबाद 159 रन बनाए. भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी 7 विकेट पर 622 रन पर घोषित की. इसके बाद गेंदबाजों ने अपना शानदार फॉर्म जारी रखते हुए 300 रन पर ढेर कर दिया और तीस साल बाद कंगारुओं को घर पर फॉलोऑन खेलने के लिए मजबूर कर दिया. ऐसे में मैच के चौथे और पांचवें दिन बारिश ने कहर बरपाते हुए भारतीय टीम को 3-1 से सीरीज अपने नाम करने का मौका नहीं दिया लेकिन मैच के ड्रॉ समाप्त होते ही टीम इंडिया ने ऐतिहासिक सीरीज अपने नाम कर ली.

टीम इंडिया की नई दीवार

सीरीज में टीम इंडिया की जीत के दो हीरो रहे. चेतेश्वर पुजारा ने सीरीज के चार मैचों की सात पारियो में 74.42 की औसत से 521 रन बनाए. इस दौरान उन्होंने तीन शतक और एक अद्र्धशतक भी जड़ा. उनका उच्चतम स्कोर 193 रन रहा. ये पारी उन्होंने सिडनी में खेली. इस धमाकेदार पारी के लिए उन्हें मैन ऑफ द मैच चुना गया साथ ही सीरीज में शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज के पुरस्कार से भी नवाजा गया. गेंदबाजी में जसप्रीत बुमराह ने गेंदबाजी में कहर ढाते हुए  4 मैच का 8 पारियों में 17 की औसत से 21 विकेट लिए. 33/6 उनका सीरीज में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा. दोनों टीमों के सीरीज में खेल के बीच ये दोनों खिलाड़ी निर्णायक अंतर साबित हुए.

खत्म हुआ 25,973 दिन का इंतजार

कोई एशियाई टीम 71 साल 1 महीने और 10 दिन बाद ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीतने में सफल हुई है. विराट सेना से पहले और कोई एशियाई टीम ऑस्ट्रेलिया में ऐसा नहीं कर सकी थी. इस जीत से पहले भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका तीनों टेस्ट टीमों को ऑस्ट्रेलिया में अपनी पहली टेस्ट सीरीज का इंतजार था. ऐसे में विराट कोहली की टीम का ये सपना पूरा हो गया.

ऑस्ट्रेलिया को घर पर मात देने वाली पांचवीं टीम

टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया को उसी की सरजमीं पर मात देने वाली पांचवीं टीम बन गई है. भारत से पहले इंग्लैंड, वेस्टइंडीज, न्यूजीलैंड और दक्षिण अफ्रीका की टीमें कंगारुओं को उनके घर में मात देने में सफल हुईं. वेस्टइंडीज यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली टीम थी उन्होंने साल 1979-80 में ये कारनामा किया था. इसके बाद 1982-83 में इंग्लैंड ये उपलब्धि हासिल करने वाली दूसरी टीम बनी थी. इसके बाद न्यूजीलैंड ने 1985-86 में पहली बार अपने पड़ोसियों को उनके घर पर मात दी थी. इसके बाद 22 साल तक कोई भी टीम कंगारुओं को उनके घर पर चुनौती नहीं दे सकी थी लेकिन साल 2008-09 में दक्षिण अफ्रीकी टीम ऑस्ट्रेलिया को उसके घर पर टेस्ट सीरीज में मात देने वाली चौथी टीम थी.

विदेश में सबसे ज्यादा सीरीज जीतने वाले भारतीय कप्तान

विराट कोहली साझा रूप से भारत के लिए विदेशी सरजमीं पर सबसे ज्यादा टेस्ट सीरीज जीतने वाले कप्तान बन गए हैं. उन्होंने पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की बराबरी की. दोनों ने विदेश में 4-4 टेस्ट सीरीज जीती हैं.

पहली बार बने मैन ऑफ द सीरीज

चेतेश्वर पुजारा को सीरीज में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द सीरीज चुना गया. यह उनके टेस्ट करियर का पहला मैन ऑफ द सीरीज पुरस्कार है जो कि उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ऐतिहासिक सीरीज जीत के साथ मिला है. वो ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उनके घर पर मैन ऑफ द सीरीज चुने जाने वाले पांचवें भारतीय बल्लेबाज हैं. इससे पहले कृष्णमचारी श्रीकांत, कपिल देव, सचिन तेंदुलकर, राहुल द्रविड़ ये विशिष्ट उपलब्धि हासिल कर चुके हैं.

31 घंटे, 8 मिनट पिच पर टिके रहे पुजारा

पुजारा ने सीरीज के दौरान 1258 गेंदों का सामना किया और 1868 मिनट (31 घंटे, 8 मिनट) तक पिच पर टिके रहे. उन्होंने टीम इंडिया के लिए सही मायने में एंकर की भूमिका अदा की. इस प्रयास के जरिए वो तीन शतकों के साथ 521 रन बनाने में सफल रहे.

स्मिथ और वॉर्नर की गैरमौजूदगी के लिए भारत जिम्मेदार नहीं

भारत के दिग्गज बल्लेबाज रहे सुनील गावस्कर ने उन आलोचकों को करारा जवाब दिया जिन्होंने कमजोर ऑस्ट्रेलियाई टीम की बात कहकर भारतीय टीम की ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जीत को कम आंकने की कोशिश की. भारत की जीत के बाद कहा जा रहा था कि बॉल टेंपरिंग मामले में प्रतिबंध झेल रहे स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर की अनुपस्थिति के कारण भारत को यह जीत मिली लेकिन गावस्कर ने इसे मानने से इनकार कर दिया. उन्होंने कहा, आस्ट्रेलियाई टीम अगर डेविड वॉर्नर और स्टीव स्मिथ के बिना खेली तो यह भारत की गलती नहीं है. ऑस्ट्रेलिया उन पर कम अवधि का प्रतिबंध लगा सकता था लेकिन निश्चित तौर यह माना गया कि एक साल का प्रतिबंध ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट के लिये अच्छा साबित होगा क्योंकि वे एक उदाहरण पेश करना चाहते थे. गावस्कर ने आगे कहा, ‘भारत के सामने जो टीम उतारी गयी वह उससे खेला और यह बहुत बड़ी उपलब्धि है.’