आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल गुजरात में भाजपा के लिए बड़ी मुसीबत बनकर सामने आने वाले हैं। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने उन्‍हें गुजरात विधानसभा चुनाव में शिवसेना की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया है। दरअसल,  हार्दिक पटेल गुजरात में आंदोलन के जरिये राज्य की भाजपा सरकार के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं। आनंदीबेन के इस्तीफे की एक वजह भी वही थे। आनंदीबेन हार्दिक पटेल के आंदोलन को सही तरीके से नहीं संभाल पाई थीं, जिसके कारण राज्य में भाजपा की काफी किरकिरी हुई थी।

बिहार के सीएम नीतीश कुमार और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से भी हार्दिक पटेल के अच्छे संबंध हैं। कुछ समय पहले जयपुर में अरविंद केजरीवाल ने हार्दिक पटेल से मिलने की कोशिश की थी,  लेकिन जयपुर में प्रशासन ने उन दोनों को यह कहकर नहीं मिलने दिया था कि इसके लिए उन्हें गुजरात हाईकोर्ट से परमिशन लेनी होगी।

हार्दिक पटेल ने हाल ही में गुजरात लौटकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला किया था। उन्‍होंने पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा था, ‘आप दो लाख रुपये का सूट पहनते हैं और खुद को गांधी कहते हैं। आप चरखे के साथ बैठ नहीं सकते और खुद को गांधी कहते हैं।’

पाटीदार आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल (23) छह महीने के बाद राजस्‍थान से गुजरात लौटे थे। वह इस दौरान राजस्‍थान में रह रहे थे। सरकारी नौकरियों और कॉलेजों में पाटीदार या पटेल समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे हार्दिक को छह महीने पहले देशद्रोह के एक मामले में इस शर्त के साथ कोर्ट ने जमानत दी थी कि वह छह माह गुजरात से बाहर रहेंगे।

वैसे, शिवसेना और भाजपा के बीच रिश्ते अच्छे नहीं चल रहे हैं। भाजपा ने शिवसेना पर कांग्रेस से साठगांठ का आरोप लगाया था। भाजपा ने इस गंभीर आरोप के साथ देश की सबसे अमीर महानगरपालिका के चुनाव प्रचार में खलबली पैदा कर दी। भाजपा ने शिवसेना और कांग्रेस के बीच टिकटों के बंटवारे में भी साठगांठ होने का आरोप लगाते हुए दावा किया है कि इन दोनों दलों ने भाजपा के उम्मीदवार को हराने के लिए एक-दूसरे के सामने कमजोर उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं। मुंबई भाजपा अध्यक्ष आशीष शेलार ने यह बात कही है।