नई दिल्ली।

कड़ाके की ठंड के कारण उत्तर प्रदेश में 54 लोगों की मौत हो गई। हरियाणा में भी ठंड से एक व्यक्ति की मौत हुई है। कोहरे से भी लोगों की परेशानी बढ़ गई है जिसका सीधा असर रेल और हवाई यातायात पर पड़ा है।

पिछले 3 जनवरी को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 18 उड़ानें देर से रवाना हुईं और 27 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया। 125 ट्रेनें दिल्ली के विभिन्न स्टेशनों पर देरी से पहुंचीं। 50 से ज्यादा ट्रेनों के प्रस्थान समय में बदलाव करना पड़ा।

मौसम विभाग के मुताबिक 7 जनवरी तक कोहरे और गलन भरी सर्दी से राहत मिलने की कोई उम्मीद नहीं है। अगले दो-तीन दिनों तक पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और दिल्ली में सर्दी और बढ़ेगी।

कन्नौज में तीन, बांदा में एक, उरई में तीन, हमीरपुर और महोबा में ठंड से तीन-तीन लोगों की मौत हुई है। बाराबंकी में कड़ाके की ठंड में दो लोगों की मौत हो गई। 3 जनवरी को बलिया में दो व जौनपुर में दो लोगों की मौत हुई। आजमगढ़ में एक, वाराणसी में तीन, कानपुर में एक की ठंड से मौत हो गई।

उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में न्यूनतम तापमान 5.4 डिग्री दर्ज किया गया। ठंड से इलाहाबाद, प्रतापगढ़ व कौशांबी जिले में भी नौ लोगों की मौत हो गई। लालगंज में 70 वर्षीय बुजुर्ग महिला शीतलहर बर्दाश्त नहीं कर पाईं। कौशांबी में होमगार्ड व युवती समेत छह लोगों की मौत हो गई।

इलाहाबाद में एक की मौत की सूचना है। बदायूं में कड़ाके की सर्दी से दो बच्चों की मौत हुई। रामपुर में भी सर्दी से एक की मौत हो गई। इसके अलावा कुछ और इलाकों में भी कड़ाके की ठंड से दस अन्य लोगों की मौत हो गई।

न्यूनतम तापमान जमाव बिंदु से नीचे

लद्दाख के कारगिल में 3 जनवरी को न्यूनतम तापमान माइनस 20.6 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया। यह मौसम का सबसे कम न्यूनतम तापमान है। वादी में न्यूनतम तापमान लगातार जमाव बिंदु से नीचे बना हुआ है। श्रीनगर में अधिकतम तापमान 11.1 डिग्री व न्यूनतम माइनस 3.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। पहलगाम में न्यूनतम तापमान माइनस 6.1, गुलमर्ग में माइनस 6.8 व लेह में न्यूनतम तापमान माइनस 14.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। हिमाचल के केलंग में अधिकतम तापमान माइनस 0.2 तो न्यूनतम माइनस 10.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया है।

दुनिया का सबसे बड़ा कोहरा

पिछले 3 जनवरी को सुबह तकरीबन साढ़े नौ बजे भारतीय उपमहाद्वीप का करीब दो हजार किलोमीटर लंबा इलाका घने कोहरे की परत से ढंका नजर आया। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि ये दुनिया की सबसे बड़ी कोहरे की चादर है, जो मध्य पाकिस्तान से शुरू होकर इंडो-गैंजेटिक प्लेन से गुजरकर त्रिपुरा तक फैल गई है। दिन के उजाले में छाए इस कोहरे की घनी चादर की तस्वीर इनसैट थ्री डी सैटेलाइट के जरिये ली गई थी, जिसमें कोहरने की ये घनी चादर पाकिस्तान, भारत, नेपाल और बांग्लादेश को अपने आगोश में लेते हुए नजर आ रही थी।