नई दिल्‍ली।

भाजपा ने एक ऐसे व्‍यक्ति को एनडीए का राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार बनाया है जो राष्‍ट्रपति‍ पद का चुनाव जीतने के बाद केआर नारायण के बाद दूसरे दलित राष्‍ट्रपति होंगे। बिहार के राज्‍यपाल रामनाथ कोविंद को एनडीए की ओर से राष्‍ट्रपति पद का उम्‍मीदवार घोषित कर भाजपा ने दलित कार्ड का इस्‍तेमाल किया है। कोविंद भाजपा में अनुसूचित जाति-जनजाति मोर्चा के अध्यक्ष,  महामंत्री और प्रवक्ता के रूप में भी दायित्व निभा चुके हैं।

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने 19 जून को दलित समुदाय के रामनाथ कोविंद की उम्‍मीदवारी की घोषणा कर अपनी दलित समर्थक नीति का परिचय दिया है। कोविंद उत्‍तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले हैं और उनकी पहचान भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में है।

कोविंद दो बार राज्यसभा के सदस्य रहे। वह सरकारी वकील भी रहे, जिन्‍हें 1971 में बार काउंसिल के लिए नामांकित किया गया। उन्‍होंने दिल्ली हाईकोर्ट-सुप्रीम कोर्ट में 16 साल तक प्रैक्टिस की। राष्ट्रपति चुने गए तो वह उत्तर प्रदेश से दूसरे राष्ट्रपति होंगे।

रामनाथ कोविंद का जन्म एक अक्टूबर 1945 को उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात में हुआ था। कोविंद ने कानपुर यूनिवर्सिटी से बीकॉम और एलएलबी की पढ़ाई की है। गवर्नर ऑफ बिहार की वेबसाइट के मुताबिक कोविंद दिल्ली हाई कोर्ट में 1977 से 1979 तक केंद्र सरकार के वकील रहे। 1980 से 1993 तक केंद्र सरकार की स्टैंडिग काउंसिल में थे।

1994 में कोविंद उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्‍य चुने गए। वह 12 साल तक राज्यसभा सदस्‍य और कई संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे। ये समितियां हैं- आदिवासी,  होम अफ़ेयर,  पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस,  सामाजिक न्याय,  क़ानून न्याय व्यवस्था और राज्यसभा हाउस कमेटी के भी चेयरमैन रहे।

कोविंद गवर्नर्स ऑफ इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के भी सदस्य रहे हैं। 2002 में कोविंद ने संयुक्तराष्ट्र महासभा को संबोधित किया। कोविंद ने कई देशों की यात्रा भी की है। कोविंद की पहचान एक दलित चेहरे के रूप में रही है।

छात्र जीवन में कोविंद ने अनुसूचित जाति,  जनजाति और महिलाओं के लिए काम किया। ऐसा कहा जाता है कि वकील रहने के दौरान कोविंद ने ग़रीब दलितों के लिए मुफ़्त में क़ानूनी लड़ाई लड़ी। कोविंद की शादी 30 मई 1974 को सविता कोविंद से हुई थी। इनके एक बेटे प्रशांत हैं और बेटी का नाम स्वाति है।

भाजपा मुख्यालय में आयोजित पार्टी की संसदीय दल की बैठक में राष्ट्रपति चुनाव और उम्मीदवार के विषय में लंबी चर्चा हुई। बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, सुषमा स्वराज, वेंकैया नायडू, नितिन गडकरी समेत संसदीय बोर्ड के अन्य सदस्य मौजूद थे।

भाजपा ने तीन सदस्यों की एक कमेटी गठित की थी, जिसमें गृह मंत्री राजनाथ सिंह, वित्त मंत्री अरुण जेटली और सूचना एवं प्रसारण मंत्री वेंकैया नायडू को शामिल किया गया। कमेटी ने सभी दलों से राष्ट्रपति के संभावित उम्मीदवारों के नाम पर चर्चा की थी।

इस प्रकार राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और अब तक 15 उम्मीदवारों ने नामांकन कर दिया है। नामांकन की आखिरी तारीख 28 जून है। 1 जुलाई तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। उसके बाद 17 जुलाई को मतदान होगा और 20 जुलाई को नतीजे आ जाएंगे। राष्ट्रपति के रूप में प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। नव निर्वाचित राष्ट्रपति 25 जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे।