अाेपिनियन पाेस्ट ।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना दो दिवसीय चीन दौरा पूरा कर भारत के लिए रवाना हो गए हैं। इससे पहले आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वुहान में ‘हर्ट टू हर्ट’ शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन बोटिंग के दौरान कई मुद्दों पर विचार विमर्श किया।
बोटिंग के अलावा दोनों देशों के नेताओं में ईस्ट लेक के किनारे वाक का भी आनंद लिया। पीएम की चीन यात्रा पर विदेश सचिव विजय गोखले ने पीसी में कहा कि दोनों नेताओं की इस मुलाकात से भारत-चीन के रिश्ते और मजबूत होंगे। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का चीन दौरा खत्म हो गया हो, लेकिन चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ उनके आज बिताए गए समय को दोनों देशों के संबंधों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जिस तरह से प्रोटोकॉल को तोड़कर जिनपिंग ने पीएम मोदी से अनौपचारिक बातचीत की, उससे यहीं लगता है कि चीन भारत से अपने संबंधों को मजबूती देना चाहता है।

शी जिनपिंग के साथ पीएम मोदी

चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ पीएम नरेंद्र मोदी

आपको बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब चीन के राष्ट्रपति ने किसी प्रधानमंत्री से प्रोटोकॉल तोड़कर अनौपचारिक भेंट की हो। दोनों नेताओं ने वुहान के ईस्ट लेक में साथ नौका विहार भी किया और फिर लेक के किनारे टहलते हुए काफी वक़्त साथ में बिताया। राजनीतिक हलकों में ऐसी व्यक्तिगत अनौपचारिक मुलाकातों का बहुत प्रभाव होता है। लेकिन यह आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा कि मोदी और जिनपिंग की इस मुलाकात का कितना असर हुआ है।
पिछले साल 73 दिनों तक चले डोकलाम गतिरोध के बाद वुहान में भारत और चीन के अपने संबंधों को सुधारने और विश्वास बहाली की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। बता दें कि बीते चार सालों में प्रधानमंत्री मोदी की यह चौथी चीन यात्रा है। इससे साफ़ जाहिर होता है कि प्रधानमंत्री मोदी चीन के साथ भारत के संबंधों को लेकर कितने गंभीर हैं।

 पीएम मोदी की इस यात्रा से क्या हासिल हुआ, इसे इन 10 बिंदुओं से समझा जा सकता है

1-पहली बार एेसी बातचीत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह यात्रा दो दिवसीय थी। इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच इस तरह अनौपचारिक वार्ता हुई  हो। पीएम मोदी ने खुद दुनिया के नेताओं से इस परंपरा को आगे बढ़ाने का आह्वान किया है।

2-राजधानी से बाहर पहली बार मुलाकात

चीन के राष्ट्रपति हमेशा किसी भी राष्ट्राध्यक्ष का राजधानी बीजिंग में ही इस्तकबाल करते हैं। साथ ही बीजिंग से बाहर ऐसी मुलाकात भी नहीं होती हैं। लेकिन पीएम मोदी की इस ऐतिहासिक यात्रा पर राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीजिंग के बजाय वुहांग पहुंचे और इस निजी मुलाकात में दोनों देशों के रिश्तों की नई इबारत लिखी। पीएम मोदी ने इसके लिए शी जिनपिंग का शुक्रिया भी अदा किया। उन्होंने कहा कि भारत के लोग गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि राष्ट्रपति शी ने राजधानी से बाहर आकर उनकी अगवानी की। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘शायद मैं ऐसा पहला भारतीय प्रधानमंत्री हूं, जिसकी अगवानी के लिए आप दो बार राजधानी (बीजिंग) से बाहर आए।’

3-अदभुत स्वागत

इस पूरी वार्ता के दौरान चीन ने भी दिल खोलकर पीएम मोदी का आदर सत्कार किया। हुबई म्यूजियम में पीएम मोदी का पारंपरिक नृत्य के साथ स्वागत किया गया। इसके बाद उन्हें ऐतिहासिक म्यूजियम की प्रदर्शनी में घुमाया गया। ईस्ट लेक पर चलते हुए लंबी बातचीत, चाय पर चर्चा और नौका विहार भी किया। इसके अलावा वुहान के एक इवेंट में पीएम मोदी के सामने बॉलीवुड फिल्म के गाने की धुन भी बजाई गईं। इतना ही नहीं, वुहान में लंच भी बेहद खास रहा. लंच मेन्यू कार्ड का डिजाइन खुद जिनपिंग की देख-रेख में तैयार किया गया और इसका रंग भारतीय झंडे (तिरंगा) जैसा था। कार्ड के ऊपर भारत के राष्ट्रीय पक्षी मोर का चित्र बना हुआ था।

4-  रिश्तों की गर्मजोशी

दोनों नेताओं के आपसी रिश्तों की गर्मजोशी भी नजर आई। दोनों नेताओं ने दोस्ताना माहौल में विस्तृत वार्ता की। हुबई संग्रहालय में शी ने मोदी को अपने साथ ले जाकर ऐतिहासिक कलाकृतियां दिखाईं। संग्रहालय में शी को पीएम मोदी के साथ करीब 20 मिनट के लिए रहना तय था, लेकिन वे 40 मिनट से ज्यादा समय तक वहां साथ रहे।

5- विवादित मुद्दों पर सहमति

हालांकि, इस वार्ता में कोई आधिकारिक समझौता नहीं हुआ, लेकिन सीमा विवाद और आतंकवाद जैसे तमाम मुद्दों पर दोनों नेताओं के बीच सकारात्मक बातचीत हुई।

6- अफगानिस्तान पर साथ

भारत और चीन के बीच अफगानिस्तान मसले को लेकर अहम बातचीत हुई।  भारतीय विदेश सचिव विजय गोखले ने बताया कि दोनों देश अफगानिस्तान में साथ मिलकर काम करेंगे। अफगान प्रोजेक्ट में दोनों देशों की आर्थिक भागीदारी होगी। दोनों देशों ने अफगानिस्तान में शांति कायम करने और आर्थिक मोर्चे पर मिलकर काम करने पर सहमति जताई है, ताकि यहां से आतंकवाद को जड़ से खत्म किया जा सके।

7-सीमा विवाद हल हाेंने की उम्मीद

सीमा विवाद को लेकर पीएम मोदी और शी जिनपिंग ने बात की। विदेश सचिव ने बताया, ‘दोनों नेताओं ने विशेष प्रतिनिधियों द्वारा विवाद का बेहतर हल तलाशने का समर्थन किया।’ उन्होंने बताया कि 2005 में जो पैरामीटर थे, उन्हीं के आधार पर सेकेंड स्टेज में बात होगी।

8-सेना में तालमेल

दोनों नेताओं ने भारत-चीन सीमा क्षेत्र के सभी इलाकों में अमन-चैन कायम रखने को अहम करार दिया. साथ ही इस बाबत दोनों नेताओं ने फैसला किया कि वे अपनी-अपनी सेनाओं को सामरिक दिशानिर्देश जारी करेंगे ताकि हालात बेहतर हो सकें और डोकलाम जैसी स्थिति न पैदा हो। इस बात भी सहमति बनी कि दोनों देशों की सेनाओं के बीच संचार बढ़े और परस्पर विश्वास पैदा हो। साथ ही मौजूदा संस्थागत तंत्र को भी मजबूत किया जाएगा ताकि सीमाई इलाकों में हालात संभाले जा सकें।

9- जिनपिंग को न्योता

दोनों नेताओं ने साल 2014 में अनौपचारिक बैठकों की शुरुआत की थी, जब पीएम मोदी ने दिल्ली के बजाय गुजरात में महात्मा गांधी के साबरमती आश्रम में शी की मेजबानी की थी। तब से लेकर अब तक उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय बैठकों में एक-दूसरे से मुलाकात की। मौजूदा वार्ता के दौरान प्रधानमंत्री ने अगले साल भारत में अगली अनौपचारिक बैठक की मेजबानी करने की शी से पेशकश की। उन्होंने कहा, ‘मुझे खुशी होगी, यदि 2019 में हम भारत में इस तरह की एक अनौपचारिक बैठक करें।’

10-मीडिया में तारीफ

चीनी अखबारों के पहले पन्ने पर शनिवार को मोदी-शी के ‘ऐतिहासिक महत्व’ वाले अनौपचारिक वुहान सम्मेलन की खबरों को अच्छी जगह मिली। लगभग सभी अखबारों ने पहले पन्ने पर इस खबर को जगह दी और इसकी जमकर तारीफ भी की। पीएम मोदी की यह ऐतिहासिक यात्रा खत्म हो गई है। जिसमें दोनों नेताओं के बीच 4 दौर की बातचीत हुई है। पीएम मोदी के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी इस यात्रा पर गए थे।