दुश्‍मन देश में तूफान ला देगा राफेल

नई दिल्ली। भारत ने एक ऐसा लड़ाकू विमान खरीदने का सौदा किया है जो दुश्‍मन देश में तूफान ला देगा। हम बात कर रहे हैं फाइटर प्‍लेन राफेल की। राफेल का फ्रेंच में मतलब होता है तूफान, जो दो इंजन वाला मल्टीरोल फाइटर एयरक्राफ्ट है। इसके लिए भारत और फ्रांस ने शुक्रवार को 9 साल से अटकी राफेल फाइटर जेट डील पर हस्‍ताक्षर कर दिए हैं। भारत को 7.878 बिलियन यूरो (करीब 59 हजार करोड़ रुपये) में 36 राफेल मिलेंगे। डिलिवरी 3 साल के अंदर शुरू होगी और साढ़े पांच साल में ही सारे जेट भारत को मिल जाएंगे।

भारत की तरफ से मनोहर पर्रिकर और फ्रांस की तरफ से वहां के डिफेंस मिनिस्टर जीन वेस ली ड्रायन ने इस पर साइन किए। राफेल डील को इंडियन एयरफोर्स का अब तक का सबसे बड़ा सौदा माना जा रहा है। 2007 में इस डील पर बातचीत शुरू हुई थी। भारत ने राफेल को अमेरिकी कंपनी लॉकहीड और रूसी मिग विमानों के मुकाबले ज्‍यादा तरजीह दी है।

दरअसल, एयरफोर्स के पास अभी 44 फाइटर स्क्वाड्रन हैं,  लेकिन पुराने प्लेन फेज आउट होने से मात्र 34 स्क्वाड्रन बचे हैं। फाइटर्स प्लेन की सख्त जरूरत है। आखिरी बार वायुसेना को 1996 में रूस से सुखोई 30 एमकेआई मिले थे। पुराने हो चुके मिग-21 और मिग-27 विमान बेड़े से हटाए जा रहे हैं।

राफेल की स्पीड 2250-2500 किलोमीटर प्रति घंटे तक है। फ्यूल कैपेसिटी 4700 लीटर है। यह एयरक्राफ्ट कैरियर से भी उड़ान भर सकता है। ब्रह्मोस जैसी 6 एटमी हथियार वाली मिसाइल आसानी से ले जा सकता है। इसमें 3 लेजर गाइडेड बम,  हवा से जमीन पर मार करने वाली 6 मिसाइल ले जाने और हवा में भी फ्यूल भरने की क्षमता है, जो लगातार 10 घंटे तक उड़ सकता है।

फ्रांस सरकार ने 4 यूरोपीय देशों के साथ मिलकर इसे बनाना शुरू किया था। बाद में जब बाकी तीन देश अलग हो गए तो फ्रांस ने अकेले दम पर ही प्रोजेक्ट को पूरा किया। राफेल को लीबिया, माली और इराक में इस्तेमाल किया जा चुका है। अफगानिस्तान में अल कायदा के खिलाफ नाटो के अभियान में इसका अहम रोल था।

भारत ने हाल ही में देश में ही बने 2 तेजस फाइटर को एयरफोर्स में शामिल किया है। हालांकि इसका पूरा एडवांस्ड वर्जन 2018 तक आएगा। तेजस को शामिल कर भारत ने एक तरह से फाइटर प्लेन की सेकंड लाइन तैयार की है। वहीं अमेरिकी F/A-18 और F-16 फाइटर और स्वीडिश ग्रिपन-ई को भी भारत में ही बनाने के लिए बातचीत जारी है।

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *