क़द्दावर चेहरों के बीच आर-पार की लड़ाई

Kaddavar

2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अश्विनी चौबे ने जगदानंद सिंह को एक लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था. इस बार भी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा के ददन पहलवान एक लाख 84 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ददन ने जदयू का दामन थाम लिया और डुमरांव से विधायक बन गए.

बक्सर-आरा की धरती आध्यात्मिकता से ओतप्रोत होने के साथ-साथ शौर्य की भी साक्षी है. प्रथमस्वतंत्रता संग्राम में यहां के बाबू कुंवर सिंह ने ८० वर्ष की आयु में अंग्रेजों के छक्के छुड़ा दिए थे. इस बार लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बक्सर से अश्विनी चौबे, तो आरा से पूर्व आईएएस अधिकारी राज कुमार सिंह को मैदान में उतारा. दोनों की प्रतिष्ठा दांव पर है. भाजपा का गढ़ कहे जाने वाले बक्सर में चौबे का मुकाबला राजद के कद्दावर नेता जगदानंद सिंह से है, जिन्होंने 2009 के चुनाव में लगातार चार बार विजयी रहे लालमुनि चौबे को शिकस्त दी थी. उस समय परिसीमन बदला था. ब्राह्मण बहुल दो विधानसभा क्षेत्र भोजपुर संसदीय सीट में शामिल कर दिए गए थे. वहीं रामगढ़ एवं दिनारा विधानसभा क्षेत्र बक्सर संसदीय सीट से जोड़ दिए गए थे. जगदानंद सिंह लंबे समय तक रामगढ़ के विधायक रहे. उन्होंने राजद सरकार में कई मंत्रालय भी संभाले. 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के अश्विनी चौबे ने उन्हें एक लाख से अधिक वोटों से पराजित किया था. इस बार भी दोनों के बीच कड़ा मुकाबला माना जा रहा है. पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा के ददन पहलवान एक लाख 84 हजार वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद ददन ने जदयू का दामन थाम लिया और डुमरांव से विधायक बन गए.

आरा संसदीय सीट से भाजपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी राज कुमार सिंह को एक बार फिर आजमाया है. 2014 के लोकसभा चुनाव में वह तीन लाख 91 हजार 74 वोट पाकर विजयी रहे थे. दूसरे स्थान पर रहे थे पूर्व मंत्री भगवान सिंह कुशवाहा, जिन्हें दो लाख 55 हजार 204 वोट मिले थे. भाकपा प्रत्याशी राजू यादव 78 हजार 805 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे थे. इस समय भगवान सिंह जदयू में हैं और राज कुमार सिंह के पक्ष में जुटे हुए हैं. इसलिए मुकाबला राज कुमार सिंह और राजू यादव के बीच है. राजू यादव के सामने कड़ी चुनौती है कि वह लाल सलामका अस्तित्व बनाए रखें. वहीं राज कुमार सिंह की छवि आज भी एक सख्त अधिकारी की है. वह जनता के बीच खासे लोकप्रिय हैं.

2 thoughts on “क़द्दावर चेहरों के बीच आर-पार की लड़ाई

  1. I was lucky enough to find this phenomenal website recently, a jewel providing value to subscribers. The clever owner really understands how to crank out relevant content. I’m pumped about this find and hopeful the excellent content keeps coming!

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *