सुनील वर्मा
राजस्थान से लेकर दिल्ली, उत्तर प्रदेश से लेकर उत्तराखंड तक जहां भी ऐसी घटनाएं हुई हैं पुलिस मामले की जांच कर रही है। पुलिस के लिए ये केस अभी तक तक ऐसा है मानो बगैर अपराधी के अपराध को अंजाम दे दिया गया हो। मामले की जांच में जुटे पुलिस अधिकारी भी समझ नहीं पा रहे हैं कि इस केस को सुलझाने की शुरुआत कहां से की जाए क्योंकि इन मामलों में न तो कोई नामजद आरोपी है और न ही चोटी काटने वाले की कोई तस्वीर पुलिस के पास है। ज्यादातर मामलों में पुलिस ने अज्ञात शैतान के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।
दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के उपायुक्त मधुर वर्मा कहते हैं, ‘अभी तक ऐसी घटनाओं की जितनी भी शिकायतें मिली हैं उन्हें सुलझाने के लिए पुलिस सभी वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल कर रही है। मुखबिरों से जानकारी जुटाने के साथ-साथ साइंटिफिक और साइकोलॉजिकल इन्वेस्टिगेशन का भी सहारा लिया जा रहा है ताकि कहीं से कोई ऐसा सिरा मिले जिससे इस मामले का राजफाश हो। पीड़ित महिलाओं की काउंसेलिंग भी कराई जा रही है।’ पुलिस की तफ्तीश शरारती तत्वों के इर्द-गिर्द घूमने के अलावा इस बात की तरफ भी है कि जो महिलाएं इन घटनाओं का शिकार हुई हैं कहीं वो किसी मानसिक परेशानी या अवसाद के दौर से तो नहीं गुजर रहीं क्योंकि अकसर ऐसी महिलाएं मास हिस्टीरिया का शिकार बनती हैं जो अपने साथ दूसरों को भी उलझन में डालती हैं।
गुरुग्राम (गुड़गांव) पुलिस के प्रवक्ता रविंदर कुमार का कहना है, ‘पुलिस को मिली सभी शिकायतों की जांच चल रही है लेकिन दिक्कत ये है कि ये विचित्र घटनाएं हैं। हमें किसी भी वारदात की जगह पर कोई सुराग नहीं मिल रहे, पीड़ितों के मेडिकल टेस्ट में भी कोई असामान्य लक्षण नहीं दिखे। किसी ने कथित हमलावरों को नहीं देखा। हम अलग-अलग जिलों की पुलिस के साथ आपस में मिल कर इन घटनाओं को समझ कर कुछ करने की कोशिश में लगे हैं।’
बाल कटने की एक घटना दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के अच्छेजा गांव में दो किशोरियों के साथ हुई तो जांच के बाद पुलिस ने चौंकाने वाला बयान दिया। बादलपुर कोतवाली प्रभारी केके राणा ने कहा कि बाल काटने की घटना बरसात में निकलने वाले मैकी कीड़े के कारण हो रही है। उन्होंने इस संबंध में राजस्थान सरकार के नाम से सोशल साइट पर डाले गए पोस्ट का न केवल हवाला दिया बल्कि पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर इस पोस्ट को शेयर भी किया है। राणा ने बताया कि बरसात में निकलने वाला मैकी कीड़ा जब बालों पर चलता है तो वहां से बाल कट जाते हैं। वैसे उनका ये तर्क इसलिए भी हास्यास्पद है कि मैकी कीड़ा सिर्फ महिलाओं के बालों को ही निशाना क्यों बना रहा है। वैसे यूपी पुलिस इन घटनाओं को लेकर संजीदा है और सोशल मीडिया के सहारे लोगों को किसी भी तरह की अफवाहों से बचने और न डरने के लिए जागरूक करने में जुटी है।