ओपनियिन पोस्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कैबिनेट का आज तीन साल में यह तीसरा फेरबदल हुआ है। जिसमें नौ नए मंत्री शामिल हुए और 4 को स्वतंत्र प्रभार से प्रमोशन देकर कैबीनेट में शामिल किया गया। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी मंत्रिमंडल का यह अंतिम बड़ा विस्तार कहा जा रहा है। लिहाजा इसमें ऐसे चेहरों को तरजीह दी गई है जिन पर पीएम मोदी के ‘न्यू इंडिया’ के सपने को साकार करने के लिए सरकार के एजेंडे और नीतियों को जमीनी हकीकत में बदलने का दारोमदार होगा। माना जा रहा है कि पीएम मोदी ने 5पी यानी प्रोग्रेस (विकास), पैशन (जुनून), प्रोफिशिएंसी (निपुणता), प्रोफेशनल एक्युमेन (पेशेवर अनुभव) और पॉलिटिकल एक्युमेन (राजनीतिक समझ) फॉर्मूले के आधार पर नए मंत्रियों को चुना है। इसीलिए फेरबदल के शपथग्रहण से पहले सभी नए मंत्रियों ने कहा कि वे प्रधानमंत्री मोदी के न्यू इंडिया के सपने को साकार करेंगे। वैसे इस विस्तार में प्रधानमंत्री ने पूर्व नौकरशाहों पर भरोसा दिखाया है।

आज हुए फेरबदल में 9 नए राज्यमंत्रियों के साथ स्वतंत्र प्रभार वाले 4 मंत्रियों को कैबीनेट मंत्री के रूप में श्ापथ दिलायी गई। 9 नए चेहरों में 4 पूर्व नौकरशाह हैं। 106 सांसद देने वाले बिहार और यूपी को प्रधानमंत्री ने खास तौर पर तव्वजो दी है। दोनों राज्यों से दो-दो नए मंत्रियों को जगह मिलने जा रही है। जिन नए मंत्रियों को कैबीनेट मे शामिल किया गया उनमें तीन रिटायर्ड नौकरशाहों और एक पूर्व सुपर कॉप है। सत्यपाल सिंह मुंबई के पुलिस कमिश्नर रह चुके हैं और इस वक्त यूपी में बागपत से लोकसभा सदस्य हैं। हरदीप सिंह पुरी राजनयिक, केजे अल्फोंस आईएएस और आरके सिंह केंद्रीय गृह सचिव रह चुके हैं। बिहार से बीजेपी सांसद अश्विनी कुमार चौबे और यूपी से राज्यसभा सदस्य शिव प्रताप शुक्ला मंत्री को उनके राजनीतिक अनुभव के कारण मंत्रीमंडल में जगह मिली है।
निकट भविष्य में जिन राज्यों में विधानसभा चुनाव होना है, उन राज्यों को प्रतिनिधित्व देने के लिए वीरेंद्र कुमार (मध्य प्रदेश), अनंत कुमार हेगड़े (कर्नाटक) और गजेंद्र सिंह शेखावत (राजस्थान) को मंत्रीमंडल में शामिल किया गया । हांलाकि पहले चर्चा थी कि इस फेरबदल में नीतीश कुमार की जदयू, तमिलनाडु की सत्तारूढ़ अन्नाद्रमुक और शिवसेना की तरफ से नए मंत्रियों को शामिल किश जा सकता है। लेकिन ऐसा नहीं हुुआ।
इससे पहले छह मंत्रियों राजीव प्रताप रूडी, संजीव बालयान, फग्गन सिंह कुलस्ते, कलराज मिश्रा, महेंद्र नाथ पांडे और बंडारू दत्तात्रेय ने इस्तीफा दे दिया। इनमें से कुछ को 2019 के लोकसभा चुनावों के लिहाज से पार्टी संगठन में जिम्मेदारी मिलने की बात कही जा रही है। महेंद्र नाथ पांडे को पहले ही यूपी बीजेपी का अध्यक्ष बनाया जा चुका है। इनके स्वतंत्र प्रभार वाले चार मंत्रियों धर्मेन्द्र प्रधान,पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और निर्मला सीतारमन को भी उनके काम से खुश होकर कैबीनेट में प्रोन्नति मिली है। फिलहाल अभी किसी भी नए मंत्री के विभागों की घोषणा नहीं की गई है उम्मीद है कि देर शाम तक विभागों की घोषणा हो जायेगी।
एक नजर डालते है मंत्रीमंडल में शामिल नौ नए मंत्रियों पर
शिव प्रताप शुक्ल : उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य। आठ वर्षो तक राज्य सरकार में मंत्री रहे हैं। आपातकाल के दौरान 19 महीने जेल में रहे।
अश्विनी कुमार चौबे : बिहार के बक्सर से लोकसभा सदस्य। राज्य सरकार में आठ वर्षो तक मंत्री रहे। जेपी आंदोलन से राजनीति की शुरुआत।
राजकुमार सिंह : 1975 बैच के पूर्व आइएएस अधिकारी। बिहार के आरा से लोकसभा में। केंद्रीय गृह सचिव और रक्षा उत्पादन सचिव रहे हैं।
वीरेंद्र कुमार : मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से सांसद। दलित नेता कुमार छह बार सांसद और कई संसदीय समितियों के सदस्य रहे हैं।
अनंत कुमार हेगड़े : कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ से लोकसभा में। 28 साल की उम्र में पहली बार सांसद बनने के बाद लोकसभा में यह पांचवीं पारी है।
हरदीप सिंह पुरी : 1974 बैच के आइएफएस अधिकारी। संयुक्त राष्ट्र समेत कई देशों में भारत के राजदूत रहे। हिंदू कॉलेज, दिल्ली में पढ़ाई के समय जेपी आंदोलन में सक्रिय रहे हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत : जोधपुर, राजस्थान से लोकसभा सदस्य। टेक्नो-सैवी और प्रगतिशील किसान माने जाते हैं। बास्केट बॉल के राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे हैं।
सत्यपाल सिंह : उत्तर प्रदेश के बागपत से अजीत सिंह को हराकर सांसद बने। 1980 बैच के आइपीएस अधिकारी सिंह मुंबई, पुणे और नागपुर के पुलिस आयुक्त रह चुके हैं।
अल्फोंस कन्ननथनम : 1979 बैच के आइएएस अफसर और केरल के भाजपा नेता। 1989 में उनके डीएम रहते कोट्टायम सौ फीसद साक्षरता वाला देश का पहला शहर बना था।