कराची।

सूफी दार्शनिक-शायर लाल साईं,  झूले लाल,  मस्त कलंदर के नामों से मशहूर सूफी संत लाल शाहबाज कलंदर की दरगाह पर आईएसआईएस आतंकियों हमले में 100 लोगों की मौत हो गई और 300 से ज्यादा जख्मी हो गए हैं। बताया जा रहा है कि इस हमले में दो हमलावर शामिल थे। एक आतंकी ने पहले हथगोला फेंका था। जब वह नहीं फटा तो उसने खुद को उड़ा लिया। पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक फिदायीन हमला महिलाओं के लिए रिजर्व इलाके में हुआ।

पाकिस्तान में एक सप्ताह के भीतर यह पांचवां आतंकी हमला है। सूफी दरगाह पर यह हमला उस वक्त हुआ है जब एक दिन पहले ही पाकिस्तान सरकार ने देश में आतंकी हमलों में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए उन सभी तत्वों को मिटाने का संकल्प लिया था जो देश में शांति एवं सुरक्षा पर खतरा बन रहे हैं। प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने देश में सुरक्षा हालात की समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय सुरक्षा बैठक की जिसमें यह फैसला लिया गया।

तालुका अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक मोइनुद्दीन सिददीकी के हवाले से डान ने खबर दी है कि कम से कम 72 शवों और 250 से अधिक घायलों को अस्पताल लाया गया है। बचाव अधिकारियों ने कहा कि पर्याप्त एंबुलेंस न होने की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ सकती है।

पाकिस्तान में सूफी दरगाहों पर तहरीक ए तालिबान हमले करता रहा है। 2005 के बाद से देशभर की 25 दरगाहों पर आतंकी हमले हो चुके हैं। कमिश्नर काज़ी शाहिद ने बताया कि शाह कलंदर की दरगाह हैदराबाद से करीब 130 किलोमीटर दूर है। वहां एंबुलेंस, मेडिकल टीम के साथ मदद के लिए और भी गाड़ियां हैदराबाद, जमशोरो, मोरो, दादू और नवाबशाह से भेजी गईं। इन इलाकों के अस्‍पतालों में इमरजेंसी लगा दी गई है।

ब्लास्ट सहवान शरीफ इलाके में हुआ। यह कराची से 200 किलोमीटर दूर है। यह शहरी इलाका नहीं है। जहां पर दरगाह मौजूद है, वहां से सबसे नजदीकी अस्‍पताल भी 40 किलोमीटर दूर है।

यह दरगाह सिंध के चीफ मिनिस्टर सैयद मुराद अली शाह के इलाके में है। हमले के बाद पूरे सिंध प्रांत में मौजूद दरगाहों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। शाहबाज कलंदर की मजार पर 1356 में दरगाह बनी थी। ईरान के शाह मुहम्मद रजा पहलवी ने यहां सोने से जड़े दरवाजे लगवाए।

हर बृहस्‍पतिवार को यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होती है। सूफी नृत्य धमाल और इबादत होती है। सूफी संत पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बेहद लोकप्रिय हैं।

पाकिस्तान, भारत और बांग्लादेश में नूर जहां, नुसरत फतह अली, आबिदा परवीन, साबरी ब्रदर्स, वडाली ब्रदर्स आदि ने इनकी शान में लाल मेरी…दमादम मस्त कलंदर को आवाज दी है। अमीर खुसरो के लिखे शब्दों को बाबा बुल्लेशाह ने आवाज दी थी।

साउथ एशिया टेररिज्म पोर्टल के मुताबिक 2003 से लेकर 5 फरवरी 2017 तक पाकिस्तान में आतंकी हमलों में करीब 28,201 लोगों की मौत हुई है। इसमें सुरक्षा बलों और पुलिस के 6,674 जवान भी शामिल थे। इसके अलावा इसी दौरान पाक ने 33,363 आतंकियों को मार गिराने में सफलता पाई है।

ताजा हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है। मेडिकल सुविधाओं को मुहैया कराने वाले संगठन इदी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमले से प्रतीत होता है कि हमला दरगाह में महिलाओं वाले क्षेत्र को निशाना बना कर किया गया था। इस भाग में 30 बच्चों समेत कई महिलाओं की मौत हुई है।