उमेश सिंह/राकेश चंद्र श्रीवास्तव

अयोध्या और जनकपुर के मध्य ऐसा गाढ़ा सांस्कृतिक संबंध है कि दोनों ही एक दूसरे के दिलों में सदियों से धड़कते हैं। दोनों एक दूसरे से भौगोलिक रूप से बहुत दूर भी नहीं हैं। महज आठ घंटे की यात्रा। फिर भी अयोध्या और जनकपुर के बीच परिवहन सेवा की सुविधा ठीक से नहीं थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 मई को जनकपुर से अयोध्या तक की बस को हरी झंडी दिखाई तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या में उसकी आगवानी करके राम और उनकी अयोध्या के प्रति भगवा सरकार की प्रतिबद्धता को एक बार फिर से जाहिर कर दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनकपुर में आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘नेपाल के बिना भारत की आस्था, विश्वास, इतिहास और धाम ही नहीं, हमारे राम भी अधूरे हैं।’ जनकपुर से अयोध्या को चली बस जब राम की नगरी पहुंची तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों, सांसदों, विधायकों और साधु-संतों के साथ यात्रियों की आगवानी की। सीएम ने कहा, ‘भारत और नेपाल के बीच शुरू हुई बस सेवा ऐतिहासिक है। जनकपुर को अयोध्या से और काशी को काठमांडो के साथ बस सेवा से सीधे जोड़ा जाए, यह बात किसी ने नहीं सोची। यह केवल मोदी जी के समय में ही संभव हो पाया। अयोध्या-जनकपुर धाम बस सेवा दोनों देशों के संबंधों को और मजबूत करेगी।’ उन्होंने कहा, ‘समय बदला है, परिस्थितियां बदली हैं, लोग बदले हैं, लेकिन हमारे सांस्कृतिक संबंध आज भी वैसे ही अटूट बने हुए हैं, जैसे हजारों वर्ष पहले राजा दशरथ और राजा जनक के समय में थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही चार साल में एक बार भी अयोध्या नहीं आए, लेकिन जनकपुर में ‘हमारे राम भी अधूरे हैैं’ कहकर उन्होंने राम और उनकी अयोध्या के प्रति अपने गहरे अनुराग और सरोकार को प्रकट किया। दरअसल, भाजपा सत्ता में आने के साथ ही हिंदुत्व और राम को केंद्र में रखकर राजनीति कर रही है। सांस्कृतिक पयर्टन के विभिन्न स्थानों को महत्व देकर हिंदुत्व के सांस्कृतिक सरोकारों को धार देती रही है।

नेपाल में राजशाही का अंत होने के साथ ही हिंदू राष्ट्र के तौर पर उसकी पहचान भले ही मिट गई हो, लेकिन वहां की जीवन संस्कृति में हिंदुत्व के सरोकार गहराई से समाए हुए हैं। उनकी धड़कनों में हिंदुत्व धड़कता रहता है। उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्से का नेपाल से गहरा रिश्ता है। यह संबंध ‘रोजी-रोटी’ का ही नहीं, बल्कि ‘रोटी और बेटी’ का भी है। भाजपा का ध्यान इन समीकरणों से सियासी गुणागणित अपने पक्ष में और बेहतर बनाने का भी है। विहिप के प्रवक्त शरद शर्मा ने कहा ‘जनकपुर-अयोध्या बस सेवा से दोनों देशों की बीच सांस्कृतिक संबध और अधिक गहरे होंगे’।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय नेपाल यात्रा इसलिए भी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इस समय नेपाल का झुकाव चीन की ओर ज्यादा है और यात्रा से वह झुकाव कम करने में मदद मिली है। प्राचीन संदर्भ लें तो त्रेता युग में राजा जनक और दशरथ ने भारत-नेपाल को मैत्री के बंधन में बांधा था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 व 12 मई 2018 को नेपाल की अपनी तीसरी दो दिवसीय यात्रा में माता सीता की जन्मस्थली जनकपुर धाम और भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का शुभारंभ कर इस रिश्ते को और पुख्ता किया है। जनकपुर को रामायण सर्किट से जोड़े जाने के बाद धार्मिक पर्यटन के विकास के साथ ही दोनों देशों के संबंध मजबूत होंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने नेपाली प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के साथ मिलकर जनकपुर और अयोध्या के बीच सीधी बस सेवा का शुभारंभ किया।

जनकपुर धाम की यात्रा से अभिभूत पीएम मोदी ने जानकी मंदिर के दर्शन के बाद विजिटर्स बुक में नेपाल सरकार और जनकपुरवासियों के जीवन में शांति, प्रगति और समृद्धि का संदेश दिया। यहां की यात्रा के बाद दूसरे दिन 12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने सुबह सुदूर हिमालयी क्षेत्र के मुस्तांग जिला स्थित मुक्तिनाथ मंदिर में पूजा अर्चना की। इसके बाद मोदी काठमांडू में बागमती नदी के किनारे स्थित पशुपतिनाथ मंदिर पहुंचकर वहां पूजा-आराधना की। मोदी की नेपाल की दो दिवसीय यात्रा ने दोनों देशो में खटास दूर कर संबंधों में गर्माहट लाने की कोशिश की है।

पहली बार प्रधानमंत्री बनने पर उन्होंने पहले चीन की यात्रा की थी किन्तु इस बार 15 फरवरी 2018 को दूसरी बार पीएम बनने पर उन्होंने अपनी पहली विदेश यात्रा भारत की 7 अप्रैल 2017 को की, तो दूसरी तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहले चीन की यात्रा और बाद में नेपाल की यात्रा की जहां नेपाली पीएम के पी शर्मा ओली और नेपालवासियों द्वारा मोदी का भव्य और यादगार स्वागत किया गया। दूसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बनने के बाद के पी शर्मा ओली ने अपनी पहली विदेश यात्रा के लिए भारत का चयन करके यही संकेत दिया कि वह भारत से संबंध सुधारने को इच्छुक हैं। साथ ही उसकी पहली प्राथमिकता नेपाल में स्थायी शांति और आर्थिक विकास है और यह भारत के सहयोग के बिना नहीं हो सकता। ओली की भारत यात्रा में तीन अहम करार हुए थे जिसमें सबसे अहम रक्सौल और काठमांडू के बीच बिजली की रेल लाइन बिछाना है। दूसरा जल परिवहन के तहत हुए करार में नेपाल को नदियों के मार्फत समुद्र तक पहुंचने का रास्ता मिल सकता है और तीसरा कृषि विकास के लिए भारत ने नेपाल में मदद का हाथ बढ़ाया है। पिछले चार साल में भारत-नेपाल रिश्ते में काफी खटास आई है जिसे दूर करने के लिए पहले नेपाली पीएम ओली की भारत यात्रा और लगभग सवा माह के बाद भारतीय प्रधानमंत्री की नेपाल यात्रा दोनों देशों के रिश्तों में नई उड़ान भरेगा। तिब्बत में ल्हासा को काठमांडू से जोड़ने की चीन की कोशिश से चिंतित भारत का यह कदम स्वागतयोग्य है कि एक नई रेल लाइन के जरिये काठमांडू भारत से जुड़ जाएगा। नेपाल यात्रा से पहले पीएम मोदी की चीन यात्रा से जो डोकलाम विवाद के बाद तनातनी थी उस पर विराम लगा ही जिसका नतीजा यह रहा कि इंडस्ट्रियल एंड कॉमर्शियल बैंक आॅफ चाइना जो परिसंपत्तियों के हिसाब से दुनिया का सबसे बड़ा बैंक है, ने अपील की है कि भारतीय अर्थव्यवस्था नई उड़ान भरने को तैयार है। वह स्वर्णिम युग में प्रवेश करने वाली है। ऐसे में निवेशकों को जमकर पैसा लगाना चाहिए। इस बैंक ने भारत समर्पित फंड लांच किया है। बैंक का यह कदम पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी-जिन पिंग की अनौपचारिक वार्ता के महज एक सप्ताह बाद काफी मायने रखता है।
चीन के बाद प्रधानमंत्री मोदी की नेपाल की चार साल में तीसरी यात्रा से जहां भारत-नेपाल के रिश्तों में एक नया अध्याय शुरू हुआ है वहीं भारत-नेपाल से रिश्ते सुधार कर सार्क के सदस्य देशों जिनमें कुछ को भारत-नेपाल के रिश्तों की मिठास ज्यादा पसंद नहीं है उन्हें यह संदेश देना कि भारत पड़ोसी देश में मैत्रीपूर्ण संबंधों के प्रति सजग है। नेपाल के बिना भारत के धाम और राम दोनों अधूरे हैं, जानकीधाम के बिना अयोध्या अधूरी है पीएम मोदी के इस संदेश में कहीं न कहीं राम मंदिर निर्माण के संकेत छिपे हैं।

सम्मोहित हुए यात्री
जनकपुर से 11 मई को चली दो वातानुकूलित बसें 12 मई की सुबह अयोध्या पहुंचीं। मुख्यमंत्री की अगुवाई में यात्रियों का स्वागत हुआ जिससे वे अभिभूत हो उठे। उन्हें अंगवस्त्र और स्मृति चिन्ह् भेंट कर स्वागत-सम्मान किया गया। जनकपुर से आए लक्ष्मण शाह, विमला देवा, माधुरी और शिवकुमार झा आदि ने कहा, ‘यह एक ऐतिहासिक क्षण है’। यात्रियों ने सरयू की आरती की। रामलला और हनुमंत लला का दर्शन किया तथा कनक भवन में भी मत्था टेका। रामकथा पार्क में आयोजित कार्यक्रम में सीएम के मंच के बगल ही सांस्कृतिक मंच भी सजा था। जौनपुर से आए फौजदार सिंह की टीम ने आल्हा गायन किया। लखनऊ के कथक केंद्र के कलाकारों ने भी अपनी प्रस्तुति कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। 