पंजाब नेशनल बैंक का 12,700 करोड़ रुपये डकारने वाले हीरा कारोबारी नीरव मोदी की कंपनी फायरस्टार डायमंड ने न्यूयॉर्क की एक अदालत में दिवालियापन के लिए अर्जी दी है। पीएनबी के इस महाघोटाले की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती जा रही है नीरव मोदी की काली करतूतें सामने आती जा रही है। पिछले हफ्ते ही मोदी की पुरानी लॉ फर्म पर जांच एजेंसियों की छापेमारी में इस संबंध में कुछ अहम कागजातों को जब्त किया गया था। इस बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अमेरिका सहित 6 देशों में उसकी संपत्ति कुर्क करने की तैयारी कर रहा है। ईडी नीरव के खिलाफ गैर-जमानती वारंट भी जारी करने जा रहा है।

फायरस्टार डायमंड इंक ने 26 फरवरी को न्यूयॉर्क की स्थानीय दिवालिया अदालत में याचिका दायर की। कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, उसका ​परिचालन अमेरिका, यूरोप, पश्चिम एशिया व भारत सहित कई देशों में फैला है। उसने अपनी मौजूदा स्थिति के लिए नकदी व आपूर्ति में दिक्कतों को जिम्मेदार बताया है। अदालत में दाखिल दस्तावेजों के अनुसार कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर की आस्तियों व कर्ज का जिक्र किया है।

क्या अमेरिका में दिवालिया होने की अर्जी देने से ईडी के वहां नीरव मोदी की संपत्ति जब्त करने की योजना पर असर पड़ेगा, यह पूछे जाने पर ईडी के वकील  हितेन वेनेगांवकर ने कहा कि इसकी आशंका नहीं है। उन्होंने बताया, कि अमेरिका और भारत के बीच मनी लॉन्ड्रिंग अपराध से निपटने का जो समझौता है उसके मुताबिक ईडी के लेटर रोगेटरी को अमेरिकी लिक्विडेटर के सामने क्लेम माना जाएगा।

इस बीच, दिल्ली की एक मजिस्ट्रेटी अदालत ने एक संपत्ति, जो बाद में बेनामी निकली, की खरीद में कथित टैक्स चोरी के मामले में नीरव मोदी के खिलाफ 27 फरवरी को जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया। आयकर विभाग के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इनकम टैक्स विभाग नीरव के खिलाफ 2017 से मामले में जांच कर रहा है। हालांकि उन्होंने संपत्ति का ब्योरा नहीं दिया। आयकर विभाग ने नीरव और उसके कुछ कर्मचारियों के बयान दर्ज किए थे। अधिकारी के मुताबिक जांच में पता चला कि नीरव ने विभाग को झूठा बयान दिया था।