भोपाल।

मध्य प्रदेश के निकाय चुनाव में भाजपा की बादशाहत को बरकरार है। सूबे के 43 नगर निकाय के चुनाव में 25 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है, तो कांग्रेस के खाते में 15 सीटें आई हैं। इसके अलावा तीन सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं। इस प्रकार अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माने जा रहे स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस को जबरदस्त झटका लगा है।

मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। ऐसे में सूबे के नगर निकाय के चुनाव में भाजपा की जीत ने उसे संजीवनी दे दी है। पिछले नगर निकाय चुनाव में भाजपा को 43 सीटों में से 27 सीटे मिली जीती थी, तो इस बार उसे 25 सीटें मिली हैं। भाजपा को पिछले चुनाव की तुलना में 2 सीटों का नुकसान उठाना पड़ा है।

मंदसौर जहां किसानों पर गोलियां चली थीं, वहां कांग्रेस ने तीन सीटों पर जीत दर्ज की है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसे विकास की जीत बताया है। मध्य प्रदेश में लगातार 3 बार से भाजपा का शासन है। मंदसौर गोलीकांड के बाद कांग्रेस आक्रामक होकर शिवराज सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरी थी। कांग्रेस अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता से अपने वनवास को खत्म करने के लिए कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है। लेकिन यह चुनाव परिणाम उसकी उम्मीदों के लिए बड़ा झटका है।

मध्य प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष नंदकिशोर सिंह चौहान ने नतीजों को कांग्रेस मुक्त मध्य प्रदेश की दिशा में अहम कदम करार दिया है। चौहान ने कहा,  ‘कांग्रेसमुक्त अभियान की तरफ मध्य प्रदेश आगे बढ़ चुका है। ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा है।

यह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की भी व्यक्तिगत जीत है। उन्होंने चुनाव में काफी मेहनत की थी।’ वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नतीजों पर खुशी जताते हुए कहा कि जनता ने एक बार फिर उनकी सरकार में अपनी आस्था व्यक्त किया है। चौहान ने ट्वीट कर कहा कि बीजेपी को मिली जीत विकास की जीत है। उन्होंने कहा कि बीजेपी जनता की उम्मीदों पर अवश्य खरा उतरेगी।