सुनील वर्मा
शुंगलु कमेटी रिपोर्ट में उजागर किए गए दिल्ली सरकार के भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद तथा गैर कानूनी तरीके से किए गए कार्यों का भंडाफोड़ होने के बाद कांग्रेस ने दिल्ली के मुख्यमंत्री श्री अरविन्द केजरीवाल से इस्तीफे की मांग की है । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय माकन ने कहा है कि यदि केजरीवाल में जरा सी भी नैतिकता है तो उनको अपनी आत्मा की आवाज को सुनकर मुख्यमंत्री पद से तुरंत इस्तीफा दे देना चाहिए। माकन ने भाजपा की केन्द्र सरकार व गृह मंत्रालय से शुंगलु कमेटी की जांच की रिपोर्ट पर सीबीआई द्वारा एफआईआर करके केजरीवाल सरकार पर कार्यवाही करने की मांग की है।
माकन ने कहा कि शुंगलु कमेटी ने केजरीवाल द्वारा जनता को गुमराह करने के लिए फैलाए जा रहे झूठ व धोखे का पर्दाफाश किया। यदि केन्द्र सरकार ने शुंगलु कमेटी की रिपोर्ट को लेकर सीबीआई जांच नही करवाई तो दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी भाजपा की केन्द्र सरकार के खिलाफ भी धरने व प्रदर्शन करेगी।
माकन ने कहा कि एक तरफ तो निगम चुनाव के चलते केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए घोषणा कर डाली कि यदि वे निगम की सत्ता में आए तो दिल्लीवासियों का गृहकर समाप्त कर देंगे। जबकि 2015 में भाजपा की निगम सरकारों ने दिल्ली सरकार से अनाधिकृत कालोनियों में गृहकर लगाने की अनुमति मांगी थी तथा केजरीवाल की दिल्ली सरकार ने भाजपा शासित निगम को दिल्ली की अनाधिकृत कालोनियों में गृहकर लगाने की अनुमति दे दी थी। ज्ञात हो कि इसी प्रकार का प्रस्ताव 2012 में भाजपा शासित निगमों ने कांग्रेस शासित दिल्ली सरकार को भेजा था जिसकी कांग्रेस की दिल्ली सरकार ने इजाजत नही दी थी। उन्होंने कहा कि केजरीवाल न सिर्फ झूठ बोलते हैं बल्कि दिल्ली की जनता को गुमराह करने के लिए झूठे वायदे भी करते हैं।
उन्होंने कहा कि आप की सरकार को दिल्ली की सत्ता में आए सवा दो वर्ष हो चुके हैं और उन्होंने झूठ, बहाना बनाने, अपने लोगों को फायदा पहुचाने तथा भ्रष्टाचार के अलावा कुछ नही किया है। जब आप की दिल्ली सरकार अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए दिल्ली व दिल्ली से बाहर विज्ञापनों पर करोड़ो रुपये खर्च कर रही थी उस समय उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय तथा उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करके आप की दिल्ली सरकार का भंडाफोड़ किया था। जिसके बाद सर्वोच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त की गई कमेटी ने भी आप की दिल्ली सरकार को विज्ञापनों में करोड़ों रुपया आप पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए खर्च करने पर दोषी ठहराया था तथा 97 करोड़ रुपया आप से वसूलने की सिफारिश की। हाल ही में दिल्ली के उपराज्यपाल ने भी आप पार्टी से 97 करोड़ रुपया वसूलने के आदेश दिए है। इसके बाद सीएजी ने भी अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आप की दिल्ली सरकार ने विज्ञापनों पर अपनी पार्टी के प्रचार प्रसार के लिए करोड़ों रुपया खर्च किया है।
माकन ने कहा कि केजरीवाल ने अपने व्यक्तिगत मानहानि के मुकदमें को लड़ने के लिए तकरीबन 4 करोड़ रुपया देश के जाने माने वकील राम जेठमलानी को बतौर उक्त मुकदमा लड़ने की फीस के रुप में देने के लिए आदेश जारी करवाए। माकन ने कहा कि केजरीवाल एक नई नज़ीर बना रहे है कि मुख्यमंत्री कुछ भी अनाप-शनाप बोले और यदि उन पर कोई केस होता है तो करोड़ो रुपए करदाताओं की खून पसीने की कमाई बड़े-बड़े वकीलों को फीस के रुप में दी जा सकती है। माकन ने बताया कि यह रिपोर्ट 3 बहुत ही नामी हस्तियों ने तैयार की है जिसमें आप सरकार द्वारा लिए गए विभिन्न निर्णयों की 404 फाईलों का निरिक्षण किया गया। माकन ने कहा कि कमेटी के तीनों सदस्य बहुत ही प्रबुद्ध व्यक्ति है जिसमें वी.के.शुंगलु पूर्व सीएजी, एन. गोपालास्वामी, पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त तथा श्री प्रदीप कुमार पूर्व मुख्य विजिलेन्स कमीश्नर हैं।
माकन ने कहा कि शुंगलु कमेटी की रिपोर्ट मुख्यतः तीन बिन्दुओं को लेकर आप सरकार द्वारा किए गए भ्रष्टाचार व अनियमितताओं को उजागर करती है तथा इस रिपोर्ट के आने के बाद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते दिखाई देते हैं। माकन ने कहा कि रिपोर्ट में कहा गया है कि केजरीवाल सरकार ने गैर कानूनी तरीके से जगह, निवास स्थान तथा आफिस अलॉट किए हैं। दूसरा रिपोर्ट में भाई-भतीजेवाद को उजागर किया गया है जिसके तहत मुख्यमंत्री, मंत्रियों और आप पार्टी के नेताओं के नजदीकियों को गैर कानूनी और बिना किसी प्रक्रिया के लाखों रुपये के वेतन पर नियुक्त किया गया है। और तीसरा आप सरकार के मंत्रियों व विधायकों के द्वारा बिना अनुमति के प्रथम श्रेणी में विदेशां में यात्रा करने पर जांच में दोषी पाया है।