करीब 40 सालों तक लोकसभा के सदस्य और पूर्व स्पीकर सोमनाथ चटर्जी नहीं रहे। उनका सोमवार सुबह कोलकाता के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया। 89 साल के सोमनाथ बाबू लंबे वक्त से बीमार थे।
रविवार को दिल का दौरा पड़ने के बाद उनकी हालत और बिगड़ गई थी। चटर्जी की किडनी ने भी काम करना बंद कर दिया था। उन्होंने अपना पूरा शरीर मेडिकल रिसर्च के लिए दान कर दिया है।
सीपीएम ने जब मनमोहन सरकार से समर्थन वापस लिया तो सोमनाथ बाबू से स्पीकर पद छोड़ने को कहा गया, उन्होंने जब मना कर दिया तो उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। सोमनाथ चटर्जी ने कई बार कहा कि उनकी जिंदगी का ये सबसे दुखद मौका था।
सोमनाथ चटर्जी का जन्म 25 जुलाई 1929 को बंगाली ब्राह्मण निर्मल चंद्र चटर्जी और वीणापाणि देवी के घर में असम के तेजपुर में हुआ था । सोमनाथ चटर्जी की शिक्षा-दीक्षा कलकत्ता और ब्रिटेन में हुई। उन्होंने कोलकाता के प्रेसिडेंसी कॉलेज में भी पढ़ाई की।उन्होंने ब्रिटेन में मिडिल टैंपल से लॉ की पढ़ाई करने के बाद कलकत्ता हाईकोर्ट में प्रैक्टिस की। सोमनाथ चटर्जी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत सीपीएम के साथ 1968 में की और वह 2008 तक इस पार्टी से जुड़े रहे। साल 1971 में वह पहली बार सांसद चुने गए। दस बार लोकसभा के सदस्य रहे चटर्जी सीपीएम की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रहे। वह 2004 से 2009 के बीच लोकसभा के अध्यक्ष रहे। उनकी पार्टी के यूपीए-1 सरकार से समर्थन वापस लेने के बाद लोकसभा अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने से उनके इनकार के बाद 2008 में उन्हें सीपीएम से निष्कासित कर दिया गया था