जानिए, कौन है आतंकी मिंटू

रविवार को पंजाब के नाभा जेल से भागे 6 आरोपियों में से एक खालिस्तानी नेता हरमिंदर मिंटू को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि मिंटू ने पहचान छुपाने और गिरफ्तारी से बचने के लिए क्लीन शेव करा ली थी। पुलिस के मुताबिक, वो गोवा भागने की फिराक में था। उसके पास से हथियार भी बरामद किए गए हैं।

जानिए, कौन है आतंकी मिंटू

हरमिंदर सिंह मिंटू पहले आतंकी संगठन बब्बर खालसा का सदस्य था। 1986 में अरूर सिंह और सुखविंदर सिंह बब्बर ने जब खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) बनाई तो वह उससे जुड़ गया। इसके बाद खालिस्तान आंदोलन में शामिल रहे चार बड़े संगठन भी 1995 में केएलएफ से जुड़ गए और फिर मिंटू खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का मुखिया बन गया। इसके बाद उसने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मिंटू सोशल मीडिया की मदद से अपने संगठन के लिए फंड जुटाता था। साथ ही युवाओं को गुमराह कर खालिस्तान लिबरेशन फोर्स से जोड़ रहा था। उसने यूरोप और एशिया के साथ ही कई देशों में अच्छा-खासा जाल फैला रखा है। मिंटू ने यूरोप, उत्तरी अमेरिका समेत कई देशों में अलग सिख राष्ट्र के नाम पर चलाए जा रहे खालिस्तानी आंदोलन के लिए पैसे भी जुटाए थे।

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई मिंटू की सबसे बड़ी मददगार रही है। मिंटू कई बार पाकिस्तान भी जा चुका है और उसे कथित तौर पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग मिली थी। आईएसआई की मदद से ही वह 2010 और 2013 में यूरोप गया था। 2014 में हरमिंदर को जब दिल्ली एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, तब पता चला था कि वह मलेशिया के नकली पासपोर्ट पर सफर कर रहा था। पासपोर्ट में उसका नाम गुरदीप सिंह था। वह थाईलैंड में अपने पैर जमाना चाहता था, जिससे वह अपने संगठन के लिए फंड जुटा सके।

कई बड़ी आतंकी वारदातों में शामिल रहे मिंटू को साल 2008 में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर हुए हमले और तीन शिवसेना नेताओं पर हुए हमले की साजिश रचने का आरोप है। साल 2010 में हलवाड़ा एयरफोर्स स्टेशन में विस्फोटक मिलने सहित 10 मामलों के सिलसिले में मिंटू को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि रविवार सुबह करीब 10 बजे 3 कारों में सवार 10 बदमाश फिल्मी स्टाइल में नाभा जेल में घुसे। चकमा देने के लिए हमलावर अपने दो साथियों को हथकड़ी लगाकर लाए थे। वे वर्दी में थे। लिहाजा, जेल ऑफिशियल्स ने समझा कि वे पुलिस के ही लोग हैं। जेल में दाखिल होते ही उन्होंने 100 से ज्यादा राउंड गोलियां चलाईं और एक आतंकी समेत 6 कैदियों को छुड़ाकर भाग गए।

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