श्रीनगर।

जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक के बाद सेना का सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू हो गया है और बड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। साउथ कश्मीर खासकर शोपियां-पुलवामा के 20 से ज्यादा गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इन गांवों में आतंकियों के छिपे होने का शक है। ये कयास भी लगाए जा रहे हैं कि कश्मीर में सुरक्षाबलों की इस कार्रवाई में उन पत्थरबाजों पर भी नकेल कसी जा सकती है जो पिछले दिनों घाटी के बिगड़े हालात में तमाम हिंसक प्रदर्शनों में शामिल रहे हैं।

सर्च ऑपरेशन में 3-4 हजार जवान शामिल हैं। सर्चिंग, बृहस्‍पतिवार को सुबह 4 बजे शुरू हुई। हालांकि, लोगों ने ऑपरेशन के दौरान बलों पर पथराव भी किया। 1 मई को पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में पाकिस्‍तान ने युद्ध विराम का उल्‍लंघन किया था। इसके बाद आतंकियों के साथ मिलकर पाकिस्‍तानी सेना ने एलओसी पार कर 2 जवानों के सिर काट लिए।

सोमवार को ही आतंकियों के एक कैश वैन पर किए हमले में 5 पुलिस जवान शहीद हो गए,  2 बैंक अफसरों की भी मौत हो गई थी। हाल ही में साउथ कश्मीर में आतंकियों से जुड़े 30-35 वीडियो सामने आए थे। इनमें आतंकियों को ट्रेनिंग देने वाला एक वीडियो वायरल हुआ था। इस वीडियो में कुल 16 आतंकी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो के सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया है।

पिछले कुछ दिनों में कश्मीर के 100 लड़कों के आतंकी गुटों को ज्वाइन करने की भी खबर है। इन आतंकियों को साउथ कश्मीर के गांवों में हर तरह का सपोर्ट मिल रहा है। इसके चलते घरों और बगीचों की तलाशी ली गई। पिछले कुछ दिनों में आतंकियों के पुलिस से हथियार छीनने की घटनाएं सामने आई हैं। सुरक्षा बलों के लिए यह चिंता की बात है कि पुलिस ने बिना कोई विरोध किए उन्हें हथियार सौंप दिए।

सुरक्षा बलों के ऑपरेशन का मकसद लोगों से संपर्क बढ़ाना भी है। बताया जा रहा है कि सीमा पार कर 100-150 आतंकी कश्मीर में दाखिल हुए हैं। वे उन्हीं 20 गांवों में छिपे हैं, जिन्‍हें सेना ने घेर रखा है। आर्मी चीफ बिपिन रावत ने कहा, “कश्मीर में चलाया जा रहा कॉम्बिंग ऑपरेशन हालात पर काबू पाने के लिए है।”

2 मई को संदिग्ध आतंकियों ने शोपियां में एक पुलिस पोस्ट पर हमला किया था। वे 4 इंसास और एक एके-47 राइफल छीनकर ले गए थे। इसके बाद 3 मई को पुलवामा में बैंक डकैती हुई। आतंकियों ने बैंक में हमला कर 4 लाख रुपये लूट लिए। यहां के एसपी मोहम्मद भट की मानें तो शुरुआती जांच बताती है कि डकैतियों में लश्कर-ए-तैयबा का हाथ था।

अरुण जेटली ने कहा, “पाकिस्तान के इनकार की कोई विश्वसनीयता नहीं है। घटना के हालात साफ इशारा करते हैं कि पहले हमारे जवानों की हत्या और फिर उनके शवों के साथ बर्बरता में पाकिस्‍तानी शामिल थी।” विदेश मंत्रालय के गोपाल बागले ने बुधवार को कहा था, “ सरकार के पास इस बात के पर्याप्त सबूत हैं कि हमारे सैनिकों के साथ बर्बरता पाकिस्तानी आर्मी ने ही की।