जेएनयू में फिर बजा लेफ्ट का डंका, गीता बनीं अध्यक्ष

ओपिनियन पोस्‍ट
एक बार फिर वाम गठबंधन ने लाल दुर्ग कहे जाने वाले जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में सेंट्रल पैनल की चारों सीटों पर बाजी मारी है। विश्वविद्यालय में हुए छात्र संघ के चुनाव के नतीजे शनिवार देर रात जारी कर दिए गए जिसमें चारों सीटों पर वाम गठबंधन (आईसा, एसएफआई और डीएसएफ) ने बाजी मारी है। वाम गठबंधन की प्रत्याशी गीता कुमारी ने एबीवीपी की प्रत्याशी निधि त्रिपाठी को हराकर एक बार फिर जेएनयू में वामपंथ का झंडा गाड़ दिया है।
जेएनयू में आइसा, एसएफआइ और डीएसएफ के गठबंधन ने जेएनयू चुनाव में शुरू से ही अपनी पकड़ मजबूत बनाए रखी। हालांकि बीच बीच में ऐसा भी समय आया जब एबीवीपी अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर वाम गठबंधन से आगे था। कैंपस में शुक्रवार की रात से शुरू हुई मतगणना शनिवार की आधी रात के बाद तक चली। प्राय: प्रेसिडेंशियल डिबेट में अध्यक्ष पद तय होने का तर्क इस साल नहीं चला।
आधी रात के बाद आए परिणाम में चारों सीटों पर वाम गठबंधन की जीत की घोषणा से कैंपस में लाल सलाम के नारे लगे। अध्यक्ष पद पर 127 ने नोटा का उपयोग किया। 20 वोट खाली पड़े, जबकि 50 अमान्य हो गए। कुल 4620 विद्यार्थियों ने मतदान किया। इस वर्ष भी सभी पदों पर बाप्सा ने जिस तरह से अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है वह न केवल दक्षिणपंथी संगठन बल्कि वामपंथी संगठन को भी चौंकाने वाली है।
जीत के बाद वाम गठबंधन की अध्यक्ष गीता कुमारी ने जीत का श्रेय कैंपस के छात्रों को दिया। उन्होंने कहा कि जिस तरह से कैंपस में अटैक बढ़ा है, उससे हमारा संघर्ष मजबूत हुआ है। इस संघर्ष में साथ देने वाले साथियों को सलाम करते हुए मैं विचारधारा से हटकर सभी विद्यार्थियों के हितों के लिए काम करूंगी। कैंपस में शुरू से एक लोकतांत्रिक माहौल रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों से इस पर हमले बढ़े हैं। हम एकजुट होकर इससे मुकाबला कर रहे हैं। यह जीत इस कैंपस के हर उस छात्र की जीत है जो हमारे संघर्षो का साथी रहा है।
वहीं दूसरे स्थान पर रहीं एबीवीपी की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी निधि त्रिपाठी का कहना है कि जनमत को हम स्वीकार करते हैं। एबीवीपी ने कैंपस में वर्ष भर काम किया है और आगे भी हम बतौर छात्र संगठन कैंपस में छात्रों के मुद्दों को लेकर आते रहेंगे। अध्यक्ष पद पर तीसरे स्थान पर बाप्सा ने एबीवीपी को जोरदार टक्कर दी। एआइएसएफ की अध्यक्ष पद की उम्मीदवार अपराजिता राजा  500 वोट भी हासिल नहीं कर पाईं, जबकि पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने उनके लिए जोरदार कैंपेनिंग की थी।

अध्यक्ष

गीता कुमारी- (लेफ्ट गठबंधन)- 1506 वोट

निधि त्रिपाठी- (एबीवीपी)- 1042 वोट

शबाना अली- (बाप्सा)- 935 वोट

उपाध्यक्ष

सिमोन ज़ोया खान (लेफ्ट गठबंधन)- 1876 वोट

दुर्गेश कुमार (एबीवीपी)- 1028 वोट

सुबोध कुमार (बाप्सा)- 910 वोट

महासचिव

डुग्गीराला श्रीकृष्णा- (लेफ्ट गठबंधन)- 2082 वोट

निकुंज मकवाना- (एबीवीपी)- 975 वोट

करम बिद्यनाथ खुमान- (बाप्सा)- 854 वोट

संयुक्त सचिव

शुभांशु सिंह- (लेफ्ट गठबंधन)- 1755 वोट

पंकज केशरी- (एबीवीपी)- 920 वोट

विनोद कुमार- (बाप्सा)- 862 वोट

 

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