जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला, वापिस पड़ा लौटना

गुरूवार को पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के काफिले पर हमला हुआ। यह हमला गया के डुमरिया में हुआ।  हमलावरों ने उनके काफिले में शामिल एक गाड़ी को भी फूंक दिया , दो मोटर साइकिलों में आग लगाई और पथराव किया। हालत ये रही कि जीतन मांझी को जान बचाकरवापिस लौटना पड़ा।  गया के इमामगंज में बुधवार को एलजेपी कार्यकर्ता सुदेश पासवान की हत्या हुई थी। इसे लेकर यहां धरना प्रदर्शन हो रहा है । मांझी यहां पीड़ित परिवार से मिलने जा रहे थे तभी उनके काफिले को निशाना बनाया  गया।

एलजेपी नेता चिराग पासवान ने नीतीश सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि  नेताओं को जानबूझ कर टारगेट करके ऐसी घटनाओ को अंजाम दिया जा रहा है। पासवान ने कहा कि महागठबंधन में महाजंगलराज हो गया है। नीतीश जी सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते थे, लेकिन नीतीश जी लालू जी की संगति का असर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री इन बातों का संज्ञान नही ले रहे हैं। पिछले कई महीनों से कभी अच्छी बातों की वजह से बिहार का नाम सुनने में नहीं आया है। हमने राष्ट्रपति से मिलकर इस बात को दोहराया कि जल्द से जल्द हमारे प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू करें।

बता दें कि गया के डुमरिया थाना क्षेत्र के दुबात गांव में हुई लोजपा नेता और उनके भाई की हत्या के बाद परिजनों ने शव को डुमरिया थाना के पास रखकर सड़क जाम कर दिया था और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बुलाने की मांग की। बुधवार को लोजपा प्रखंड अध्यक्ष सुदेश पासवान अपने पत्नी के प्रचार-प्रसार के लिए दुबात गांव गए हुए थे। उनके साथ उनके भाई सुनील पासवान की पत्नी भी चुनावी मैदान में खड़ी हैं। दोनों भाईयों ने अपने समर्थकों के साथ चुनावी रैली निकाली थी। इसी बीच दो बाइक से आए चार नक्सलियों ने दोनों को गोली मार दी जिससे उनकी मौत हो गई।

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