श्रीनगर।भारत में घुसपैठ कराने के लिए पाकिस्‍तान गुलाम कश्‍मीर के लोगों का इस्‍तेमाल करता है। इसका खुलासा उड़ी में 21 सितंबर को पकड़े गए दो संदिग्धों से पूछताछ के बाद हुआ है। गुलाम कश्‍मीर के रहने वाले ये संदिग्‍ध आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के गाइड थे। दो वर्ष पहले आतंकी संगठन में उनकी भर्ती की गई थी। वे उड़ी सेक्टर में एलओसी पर घुसपैठ कराने में आतंकियों को गाइड करते थे।

सेना तथा बीएसएफ ने संयुक्त अभियान में दोनों को गिरफ्तार किया था। पूछताछ में उन्होंने अपने को पीओके का निवासी बताया। अपना नाम एहशान खुर्शीद उर्फ डीसी निवासी खलियाना कलां और फैजल हुसैन अवान निवासी पोटा जहांगीर बताया। बताया कि वे पिछले दो साल से इलाके में सक्रिय हैं और आतंकियों को घुसपैठ कराने में उनकी मदद करते हैं। कई आतंकियों को वे घुसपैठ कराने में सफल रहे हैं। उन्हें इलाके के बारे में पूरी जानकारी है।

आर्मी के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने बताया कि पकड़े गए लोगों की पहचान अहसान खुर्शीद और फहसल के रूप में हुई है। खुर्शीद पीओके के खलीना कलां में रहता है और फैसल पुत्था जानगीर का रहने वाला है। दोनों को आर्मी और बीएसफ ने मिलकर बुधवार (21 सितंबर) को पकड़ा था। दोनों ही लड़कों की उम्र 15-16 साल के बीच है।

दोनों को जमुन पोस्ट के पास से पकड़ा गया है जो कि लाइन ऑफ कंट्रोल  के पास है। हालांकि, आर्मी का यह भी कहना है कि दोनों का उड़ी हमले में कोई रोल नहीं है। कर्नल कालिया ने बताया कि पीओके में रहने वाले इन दोनों लड़कों को दो साल पहले ही भर्ती किया गया है। शुक्रवार को जम्मू-कश्मीर के अखनूर में भी एक शख्स को सीमा पार से घुसपैठ की कोशिश करते पकड़ा गया। उस शख्स का नाम अब्दुल कयूम है। उसने पूछताछ में कई खुलासे किए। कबूल किया है कि उसे पाकिस्तान में आर्मी ट्रेनिंग दी गई थी, इसके अलावा उसने लश्कर के लिए फंड जुटाने की बात भी स्वीकार की है।

पिछले रविवार (18 सितंबर) को जम्मू-कश्मीर के उड़ी में सेना पर आतंकियों ने हमला किया था जिसमें 18 जवान शहीद हो गए थे। इसके बाद आर्मी ने बॉर्डर पर सुरक्षा बढ़ा दी है। कई जगहों पर घुसपैठ की कोशिशों को भी सेना ने नाकाम किया है। उड़ी में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 15 आतंकियों पर सेना ने फायरिंग की थी जिसमें से 10 आंतकी मारे गए थे बाकी 5-6 आतंकी वापस भाग गए थे।