नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी और दिल्ली सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब एक नई मुश्किल खड़ी होती नजर आ रही है। स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को आयकर विभाग ने नोटिस भेजा है। उन पर हवाला के जरिये 17 करोड़ रुपये के लेनदेन का आरोप है। आयकर विभाग ने जैन को समन जारी कर कोलकाता की कुछ फर्मों के खिलाफ कर चोरी के मामले में चल रही जांच के सिलसिले में पेश होने को कहा है।

उधर, सत्येंद्र जैन ने कहा, ‘मुझे एक गवाह के तौर पर बुलाया गया है। कुछ कंपनियों के रिएसेसमेंट किए जा रहे हैं। मैंने इनमें इनवेस्टमेंट की थी, जिसके बारे में वे जानना चाहते हैं। जब मैंने पहली बार चुनाव लड़ा था तो इन कंपनियों से नाता तोड़ लिया था। मुझे किसी ट्रांजेक्‍शन की जानकारी नहीं है।’

अधिकारियों ने बताया कि जैन को 4 अक्टूबर को जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। उन्हें पिछले चार साल के आईटीआर और निजी वित्तीय जानकारी भी साथ लाने का निर्देश दिया गया है। हाल ही में कोलकाता के आयकर विभाग ने कर चोरी और अवैध वित्तीय लेनदेन के मामले में एक फर्म के खातों की जांच की, तो उसे जैन से जुड़े कुछ वित्तीय लेन-देन के रिकॉर्ड मिले। विभाग को कम से कम तीन फर्मों से जुड़े लेन-देन के दस्तावेज मिलने की खबर है, जिनका संबंध जैन से है।

विभाग से जुड़े सूत्रों ने कहा,  ‘आयकर विभाग कुछ समय से इस मामले की जांच कर रहा है और इस संबंध में ही समन जारी किया गया है। कोलकाता में तलाशी के दौरान जब्त किए गए दस्तावेजों के बारे में जैन से पूछताछ की जाएगी।’

जैन ने कहा, ‘मैंने कुछ गलत नहीं किया है और मैं 4 अक्टूबर को आयकर विभाग के समक्ष पेश होने जा रहा हूं। एक निवेशक के तौर पर मैंने इन कंपनियों में चार साल पहले निवेश किया था,  लेकिन 2013 से मेरा इन कंपनियों से कोई लेना देना नहीं है। मुझे केवल एक गवाह के तौर पर समन भेजा गया है। यह सिर्फ पुनर्मूल्यांकन है तफतीश नहीं।’

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का दावा है कि जैन को ‘फंसाया’ जा रहा है और अगर जैन ‘दोषी’ होते तो उन्हें पार्टी से पहले ही निकाल दिया गया होता। अगर दोषी साबित हुए तो उन्‍हें निकाल दूंगा। ट्वीट करके कहा, ‘मैंने सुबह सत्येंद्र को बुलाया और सारे दस्तावेज देखे। वह निर्दोष हैं। हम उनके साथ खड़े हैं।’

क्या हैं जैन पर आरोप?

आईटी डिपार्टमेंट के मुताबिक जैन पर चार कंपनियों को 17 करोड़ रुपये गैरकानूनी तरीके से ट्रांसफर करने और इन कंपनियों के चेक रिसीव करने का आरोप हैं। उन्होंने इस पैसे से अनधिकृत कालोनियों में प्रॉपर्टी खरीदी। जिन चार कंपियों को जैन से जुड़ा बताया जा है उनके नाम हैं – इंडो मैटल इंपैक्स, अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशन और मंगलयातन प्रोजेक्ट।