क्‍यों क्रैश होते हैं जगुआर विमान

नई दिल्ली। जगुआर विमान के क्रैश होने का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार को वायुसेना का ट्रेनर विमान जगुआर राजस्थान के पोखरण में क्रैश हो गया, दोनों पायलटों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। जगुआर को लेकर यह पहला हादसा नहीं है। इससे पहले भी कई हादसे सामने आ चुके हैं। वायुसेना का यह विमान पोखरण में ट्रेनिंग मिशन पर था। सवाल उठता है कि यह विमान बार-बार क्रैश क्‍यों हो रहा है। भारतीय वायुसेना की ओर से क्रैश के मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी का आदेश दे दिया गया है।

डिफेंस के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष ओझा ने बताया कि हादसा भारत-पाकिस्तान बॉर्डर के करीब हुआ। पिछले महीने (13 सिंतबर) को हरियाणा के अंबाला में सेना के जगुआर विमान में टेक-ऑफ के दौरान आग लग गई थी। आग के कारणों का पता नहीं चल सका था। हालांकि एयरक्राफ्ट में मौजूद पायलट सुरक्षित बाहर निकल गया है। हादसे में सेना का ट्रेनर विमान नष्ट हो गया था। हादसे की जांच के आदेश दिए गए थे। अलग-अलग हादसों में साल 2015 में दो जगुआर विमानों के क्रैश होने की जानकरी सामने आई थी।

2012 में एक जगुआर विमान के दुर्घटनाग्रस्ट होने की खबर आई थी। जून 2015 में भी भारतीय वायु सेना का एक जगुआर लड़ाकू विमान इलाहाबाद के नजदीक एक नियमित उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। हादसे के दौरान दोनों चालक विमान से कूद गए थे। इससे पहले मार्च में भी एक जगुआर विमान हरियाणा में शाहबाद के निकट खेतों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। उस समय भी चालक विमान से सुरक्षित कूद गए थे।

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