लद्दाख।

खुफिया विभाग ने रिपोर्ट दी है कि भारत को उकसाने के लिए चीनी सैनिकों ने लद्दाख में पत्‍थरबाजी की होगी। लद्दाख स्थित जिस झील के किनारे भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई उसका एक-तिहाई हिस्सा भारत के नियंत्रण में है, बाकी चीन के। पिछले दो महीने से डोकलाम के मुद्दे पर भारत और चीन आमने-सामने हैं, लेकिन भारत और चीन की सेनाओं के बीच मंगलवार को पेंगोंग झील के पास टकराव की स्थिति आ गई।

इसी पर चीन ने कहा है कि उसे लद्दाख में पेंगोंग झील के किनारे भारतीय क्षेत्र में पीएलए के जवानों के घुसने संबंधी रिपोर्टों की कोई जानकारी नहीं है और वह सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। भारतीय रक्षकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में घुसने की चीनी सैनिकों की कोशिश पिछले 15 अगस्‍त को नाकाम कर दी थी। उसी के बाद पथराव हुआ और उसमें दोनों तरफ के लोगों को मामूली चोटें आईं।

दरअसल, पेंगोंग हिमालय में एक झील है, जिसकी ऊंचाई लगभग 4,500 मीटर है। यह 134 किलोमीटर लंबी है और भारत के लद्दाख से तिब्बत पहुंचती है। इस झील का करीब 60 फीसदी हिस्सा चीन में है। तिब्बत की निर्वासित सरकार के नेता लोबसांग सांगे ने पेंगोंग झील के पास 5 जुलाई को तिब्बत का झंडा फहराया था।

इसका चीनी मीडिया ने काफी विरोध भी किया था। चीनी विदेश मंत्रालय का कहना था कि यह झील आधी भारत में है और आधी तिब्बत में। ऐसे में यहां ‘तिब्बत की निर्वासित सरकार का झंडा’ फहराया जाना सांगे का अपनी राजनीतिक पहचान स्थापित करने की कोशिश लगती है।

चीन की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हु चुनयिंग से जब इस घटना के संबंध में टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, मुझे इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी पीएलए के जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा के चीनी हिस्से के पास हमेशा गश्त करते हैं। चीन भारत-चीन सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है। हु ने कहा, हम भारतीय पक्ष से अपील करते हैं कि वह एलएसी और दोनों पक्षों के बीच प्रासंगिक संधियों का पालन करे।

लद्दाख में यह टकराव ऐसे समय में हुआ है जब भारत एवं चीन के बीच पिछले 50 से अधिक दिनों से सिक्किम सेक्टर के डोकलाम में गतिरोध बना हुआ है। यह गतिरोध उस समय आरंभ हुआ था जब भारतीय सेना ने चीनी सेना को क्षेत्र में सड़क का निर्माण करने से रोका था।

मंगलवार सुबह लद्दाख इलाके में पेंगोंग झील के उत्तरी किनारे पर दोनों सेनाओं के बीच टकराव हुआ था। गतिरोध लगभग आधे घंटे तक चला और फिर दोनों पक्ष वापस चले गए। घुसपैठ की कोशिश में नाकाम होते देख चीनी सैनिकों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी थी। पत्थरबाजी से दोनों तरफ सैनिकों को हल्की चोटें आने की खबर है। बुधवार को अब इन्‍हीं मुद्दों पर बैठक चल रही है।