ओपिनियन पोस्‍ट
GST लागू होने के बाद घर का खर्चा बढ़ गया है? इसने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ये सिर्फ एक व्यक्ति की शिकायत नहीं है। बल्कि, देश के 54 प्रतिशत लोगों का कहना है कि जुलाई में जीएसटी लागू होने के बाद घर का खर्चा बढ़ गया है।
केंद्र सरकार के उपभोक्ता मामले विभाग से जुड़े एक सिटीजन पोर्टल की ओर से कराए गए सर्वे में ये बातें सामने आई हैं। सर्वे में 40 हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया और जीएसटी से जुड़े अलग-अलग सवालों के जवाब दिए। जीएसटी लागू होने के दो महीने बाद हर दो में से एक व्यक्ति का मानना है कि घर के खर्चे बढ़ गए हैं।
ऐसा लगता है कि नोटबंदी के बाद वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सरकार के लिए बड़ी चिंता बनता जा रहा है। राज्यों के वित्त मंत्रियों ने हैदराबाद में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में टैक्स सुधार से जुड़े बहुत सारे सवाल उठाए हैं।
हालांकि कुछ मुद्दे काउंसिल की बैठक में हल किए गए हैं, लेकिन, 2019 के लोकसभा चुनावों में जुटी केंद्र सरकार जीएसटी के चलते बढ़ी हुई कीमतों को लेकर डरी हुई है।
30 प्रतिशत बढ़ गया है घर चलाने का खर्च
उपभोक्ता मामलों से जुड़े प्लेटफॉर्म लोकल सर्किल की ओर से कराए गए इस सर्वे में लगभग 54 प्रतिशत लोगों ने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद घर चलाने का खर्चा मासिक तौर पर 30 प्रतिशत बढ़ गया है। सरकार के अनुमानों के विपरीत यह बहुत ज्यादा है। इस सवाल पर मिले 9 हजार से ज्यादा जवाबों में केवल 6 प्रतिशत लोगों ने कहा कि उनके घर का मासिक खर्चा कम हुआ है।
सर्वे में शामिल लगभग आधे लोगों ने माना कि जीएसटी लागू होने के बाद महीने का मेडिकल खर्च बढ़ा है। इसके अलावा लोगों की शिकायत है कि व्यापारी कैश में पेमेंट लेने पर जोर दे रहे हैं और बिल में जीएसटी का उल्लेख करने से इनकार कर रहे हैं।
कुछ उपभोक्ताओं की यह भी शिकायत है कि व्यापारी निर्धारित मूल्य के ऊपर जीएसटी चार्ज कर रहे हैं, जबकि कुछ दुकानदारों ने बिजनेस पर जीएसटी के प्रभाव की अनिश्चितता के चलते छूट में कटौती कर दी है।
और भी चिंताएं हैं सरकार
राज्य सरकारों की ओर से उठाए गए मुद्दों को समझते हुए जीएसटी काउंसिल ने सेल्स रिटर्न या जीएसटीआर-1 दाखिल करने की तारीख 10 अक्टूबर तक बढ़ा दी है। जीएसटी काउंसिल ने 30 उत्पादों पर टैक्स में भी कटौती की है।
हालांकि जीएसटी काउंसिल के लिए सबसे बड़ी चिंता रिफंड क्लेम है जो जुलाई से पेंडिंग है। इसी साल 1 जुलाई से लागू हुई जीएसटी को सरकार ने सबसे बड़ी सफलता बताया था। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसे आजादी के बाद का सबसे बड़ा टैक्स सुधार बताया था, जिससे, राजस्व वसूली में बड़ा उछाल आएगा।
अरुण जेटली ने कहा कि जो पूरा जीएसटी कलेक्शन है, उसमें बड़ा बदलाव आया है और 70 प्रतिशत योग्य करदाताओं ने जुलाई महीने के लिए 95 हजार करोड़ का रिटर्न फाइल किया है। लेकिन, जीएसटी काउंसिल के पास 62 हजार करोड़ रुपये के इनपुट टैक्स क्रेडिट रिफंड के दावे किए गए हैं। ऐसे में कुल जीएसटी कलेक्शन 33 हजार करोड़ रुपये का ही होगा। वित्त सचिव हसमुख अधिया ने आधिकारिक रूप से कहा है कि इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा सरकार की उम्मीदों से कहीं ज्यादा है। ऐसे में खाने पीने की चीजों की बढ़ी हुई कीमतों से सरकार की चुनौती पेचीदा होती जा रही है।