ओपिनियन पोस्‍ट
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की तरफ से रविवार को 14 फर्जी बाबाओं की सूची जारी किए जाने के बाद फर्जी घोषित एक बाबा ने अखाड़ा परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी को कानूनी नोटिस भेज दिया है। परिषद की तरफ से फर्जी घोषित किए गए बाबाओं के कुंभ में आने पर रोक लग सकती है। इससे पहले 2015 के नासिक कुंभ में राधे मां को रोका गया था। दूसरी तरफ आज अखाड़ा परिषद यूपी के मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ से मिलकर उन्‍हें फर्जी बाबाओं की लिस्‍ट सौपेगी।

आपको बता दें कि देश में बाबाओं को लेकर हो रहे विवादों के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने रविवार को फर्जी बाबाओं की लिस्ट जारी की थी। इस मामले पर इलाहाबाद में अखाड़ा परिषद की बैठक के बाद यह एक्‍शन लिया गया था। अखाड़ा परिषद ने सिद्धेश्‍वरी गुप्‍त महापीठ के महंत कुश मुनि को भी फर्जी बाबा घोषित किया था। इसके बाद उन्‍होंने सोमवार को परिषद के अध्‍यक्ष नरेंद्र गिरी को कानूनी नोटिस भेज दिया।

कुश मुनि के वकील की तरफ से भेजे गए नोटिस में लिखा गया कि आपने निराधार तथ्‍यों के आधार पर मेरे मुवक्किल आचार्य कुश मुनि को फर्जी बाबाओं की सूची में रखा है, यदि आपने उनका नाम सूची से नहीं हटाया तो आपके ऊपर क्‍यों न मानहानि का मुकदमा किया जाए? आचार्य कुश मुनि ने कहा कि मैं नरेंद्र गिरी के कहने से फर्जी नहीं हो जाऊंगा। उन्‍होंने आरोप लगाया कि खुद नरेंद्र गिरी की छवि अच्‍छी नहीं है। मैंने उनको नोटिस भेज दिया है। मैं इनसे न्‍यायालय में निपटूंगा। फर्जी बाबाओं की लिस्‍ट में एक नाम बृहस्‍पति गिरी का भी था। उन्‍होंने कहा कि कौन सिद्ध पुरुष है और कौन नहीं, ये नापने का अखाड़ा परिषद के पास कौन सा पैमाना है? हमको फर्जी बाबा कहने वाले वो कौन होते हैं। न तो उन्‍होंने हमें बाबा बनाया और न ही हमारा उनसे कोई वास्‍ता है। फिर वो हमें साधु होने या न होने का प्रमाणपत्र कैसे दे सकते हैं। मीडिया रिपोटर्स के मुताबिक बृहस्‍पति गिरी ने अखाड़ा परिषद को ही फर्जी बताया है।