लाहौर।

पाकिस्तान में पत्रकारों पर ज्‍यादती की घटनाएं बढ़ गई हैं। इसी क्रम में सेना की आलोचना करने के लिए मशहूर 52 वर्षीय पाकिस्तानी महिला पत्रकार गुल बुखारी का उस समय अपहरण कर लिया गया जब वह बीती रात करीब 11 बजे अपने कार्यक्रम के लिए ‘वक्त टीवी’ जा रही थीं।

गुल ने इस संदर्भ में कोई बयान नहीं दिया है। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘हम उनका बयान लेने जाएंगे।’ पीएमएल-एन नेता और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने घटना पर आश्चर्य जताया और उन्होंने ट्वीट किया, ‘गुल बुखारी के अपहरण की खबर बहुत परेशान करने वाली है। यह बुहत क्रूर, नीच दर्जे की ज्यादती है। बेहद दुखद दिन।’

सोशल मीडिया पर खुफिया एजेंसियों को अपहरण के लिए जिम्मेदार बताए जाने के कुछ ही घंटों बाद वह घर लौट आईं। महिला पत्रकार के परिजनों ने केस भी दर्ज करा दिया है।

गुल बुखारी जब ‘वक्त टीवी’ जा रही थीं तो कुछ बदमाशों ने लाहौर कैंट के शेरपो पुल के पास उनका अपहरण कर लिया। कैब ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि एक डबल केबिन गाड़ी से दो लोग उतरे और गुल को अपनी गाड़ी में बैठने को कहा।

ड्राइवर ने बताया कि मना करने पर दोनों ने उन्हें जबरन अपनी गाड़ी में बैठा कर ले गए, लेकिन अपहर्ताओं ने ड्राइवर से कुछ नहीं कहा। गुल बुखारी के परिजनों ने स्थानीय थाने में उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। अपहरण की सूचना मिलते ही सोशल मीडिया पर लोगों ने खुफिया एजेंसियों को जिम्मेदार बताना शुरू कर दिया।

उनका कहना था कि सेना की आलोचना करने के कारण पत्रकार का अपहरण खुफिया विभाग ने कराया है। अपहरण के करीब तीन घंटे बाद गुल के परिवार ने उनके लौटने की पुष्टि कर दी। हालांकि उनका अपहरण किसने किया, इस बारे में कुछ नहीं कहा गया है।

पुलिस का कहना है कि उनकी टीम गुल का बयान दर्ज करने के लिए उनके घर गई थी। गुल बुखारी ने बयान दर्ज कराने से इनकार कर दिया था।

पाकिस्तान में पत्रकारों की स्थिति बहुत खराब है। पिछले माह अप्रैल में पंजाब प्रांत के सांबाड़ी शहर में एक पत्रकार की गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई। पत्रकार जीशान अशरफ बट्ट को जिस वक्त गोली मारी गई, उस वक्त वह पुलिस को फोन करके बता रहे थे कि उनको मारने के लिए संघ परिषद के एक अध्यक्ष आ रहे हैं।