निशा शर्मा।
दुनिया भर की 86 ख़ूबसूरत महिलाएं सोमवार को फिलीपीन्स की राजधानी मनीला में मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता में शरीक हुईं। 85 खूबसूरत महिलाओं को पछाड़ते हुए फ्रांस की 24 साल की आयरिश मितेनेयर ने 65वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता का ताज अपने नाम किया। इस प्रतियोगिता को देखने के लिए हॉल पूरी तरह से पैक था।
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मूल रूप से पेरिस की आयरिश दंत शल्य चिकित्सा में स्नातक की पढ़ाई कर रही हैं। मिस यूनिवर्स बनने के बाद अब उनका लक्ष्य दांतों और मुख की स्वच्छता संबंधी जागरूकता फैलाने का है। यही नहीं आयरिश शिक्षा और बच्चों के अधिकारों पर भी दुनिया में जागरुकता लाना चाहती हैं।
मिस यूनिवर्स वेबसाइट के मुताबिक जब आयरिश से पूछा गया कि क्या गुण आत्विश्वासी और सुंदर बनाते हैं, तो वह कहती हैं कि ”सुंदरता अंदर होती है जो बाहर आती है। दयालु बनें, नैतिक मूल्यों में विश्वास करें, अपने आप में विश्वास रखें, अपनी बुराईयों को स्वीकार करें यही तरीका है जो मैं खुद पर अपनाती हूं और शायद यही मुझे आत्मविश्वासी और सुंदर बनाता है।”
24 साल की आयरिश को खाना पकाना, घूमना और स्पोर्ट्स बहुत पसंद है। वह नॉर्दन फ्रांस के लिली की रहने वाली हैं।
मिस यूनिवर्स मुकाबले में दूसरे नंबर पर हैती की मिस रेक्वेल पेलिसियर रहीं।
और कोलंबिया की 23 साल की मिस एंड्रिया टोवर तीसरे नंबर पर रहीं।
फाइनल राउंड में पहुंचने वाले तीनों प्रतियोगियों से उनकी जिंदगी से जुड़ी किसी नाकामी के बारे में बताने के लिए कहा गया। जिसके जवाब में आयरिश ने कहा, “मैं जिंदगी में कई बार नाकाम हुई हूं। जब आप नाकाम होते हैं तो आपको खड़ा होना होता है और फिर से कोशिश करनी होती है। मैंने अपनी नाकामियों को भी अवसर के रूप में देखा है।”
यह 65वीं मिस यूनिवर्स प्रतियोगिता थी। भारत की और से मिस यूनिवर्स प्रतिभागी रोशमिता हरिमूर्ति के हाथ निराशा लगी। हरिमूर्ति अंतिम 13 में भी जगह बनाने में नाकामयाब रही। रोश्मिता 2016 की मिस इंडिया रहीं हैं।