राजनीति में कुछ भी निश्चित नहीं होता. कब किसे कितना बड़ा झटका लगेगा, यह अनुमान लगाना मुश्किल है. मुलायम परिवार की बहू एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को इस बार ‘जोर का झटका’ धीरे से लगा है. चुनाव के समय दिखाई देने वाली डिंपल यादव को हार का सामना करना पड़ा. मुलायम सिंह और अखिलेश के अलावा परिवार का कोई भी सदस्य चुनाव नहीं जीत सका. डिंपल यादव का चुनाव हारना इस परिवार के राजनीति में अंत की शुरुआत की तरह है. यह धीरे-धीरे लोगों के दिमाग से परिवार की राजनीति का बुखार उतरने का संकेत है. डिंपल कभी राजनीतिक रूप से बहुत अधिक सक्रिय नहीं रही हैं, लेकिन चुनाव के समय अखिलेश यादव उन्हें मैदान में उतारने से गुरेज नहीं करते. उन्हें लगता था कि परिवार के एक अहम सदस्य को उम्मीदवार बनाने का मतलब एक सीट पर जीत की गारंटी है. लेकिन, इस बार लोगों ने उनका भ्रम तोड़ दिया और डिंपल को कन्नौज में हार का सामना करना पड़ा. चुनाव से पहले ही कन्नौज और आजमगढ़ में उम्मीदवार उतारने की कवायद शुरू हो गई थी. दोनों ही सीटों को यादव परिवार के लिए सुरक्षित माना जाता था. लेकिन, इस बार भाजपा ने इनमें से एक सीट में सेंध लगा दी और डिंपल भाभी चुनाव हार गईं. अब डिंपल फिर से घर संभालेंगी या फिर राजनीति में सक्रिय रहकर अगले चुनाव की तैयारी करेंगी, यह देखना बाकी है.