अाेपिनियन पाेस्ट । 

सीबीआई ने निजी विमानन कंपनी एयर एशिया के सीईओ टोनी फर्नांडीज और अन्य के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय उड़ान लाइसेंस पाने के लिए नियमों के कथित उल्लंघन का एक मामला दर्ज किया है। एयर एशिया मलयेशिया के समूह सीईओ एंथनी फ्रांसिस ‘टोनी’ फर्नांडीज के अलावा ट्रैवल फूड के मालिक सुनील कपूर, एयर एशिया के निदेशक आर. वेंकटरमण, विमानन सलाहकार दीपक तलवार, सिंगापुर की एसएनआर ट्रेडिंग के निदेशक राजेंद्र दुबे और अज्ञात सरकारी कर्मचारियों के नाम भी प्राथमिकी में शामिल हैं।   दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत छह स्थानों पर छापे मारे गए हैं। बता दें कि एयर एशिया मलेशिया की कंपनी है और यह सबसे कम कीमतों पर सेवाएं देने के लिए मशहूर है। वर्तमान में एयर एशिया 25 देशों में अपनी सेवाएं दे रही है।

टोनी फर्नांडीज पर ओवरसीज फ्लाइंग राइट्स हासिल करने के लिए यूपीए सरकार  के साथ आपराधिक साजिश रचकर नियम बदलने का आरोप लगाया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यूपीए-2 के कार्यकाल के दौरान उड्डयन मंत्री को एयर एशिया की तरफ से 50 लाख डॉलर की रिश्वत भी दी गई थी। हालांकि एयर एशिया ने सारे आरोपों को खारिज किया है।

केस से संबंधित सबूतों की तलास में एयर एशिया के दिल्ली, बेंगलुरु और मुंबई के ठिकानों पर छापे डाले। इस केस में अधिकारियों के ईमेल, रिश्वत और सरकारी नोट्स सीबीआई के लिए अहम सुराग साबित हो सकते हैं। हालांकि, एयर एशिया इन सभी आरोपों से इनकार करती रही है। सीबीआई की तरफ से आरोप लगाया गया है कि यह साजिश 2014 के लोकसभा चुनाव के एक महीना पहले रची गई। यह मामला अन्य बातों के अलावा एयर एशिया और टाटा ग्रुप के सीनियर अधिकारियों के बीच ईमेल से हुई बातचीत पर आधारित है। वहीं, मीडिया रिपोर्ट्स में एयर एशिया के एक्स सीईओ के हवाले से दावा किया जा रहा है कि यूपीए के दूसरे कार्यकाल के दौरान उड्डयन मंत्री को करोड़ों रुपये की रिश्वत भी दी गई है।

ऐसा एक ईमेल सीबीआई के पास है, जिसमें टाटा ग्रुप + के एक टॉप एग्जिक्यूटिव वेंकटरमणन रामचंद्रन कथित रूप से तत्कालीन सिविल एविएशन मिनिस्टर अजित सिंह की ओर से व्यक्तिगत रूप से भरोसा दिला रहे हैं। वेंकटरमणन का नाम भी एफआईआर में है। मेल में फॉरेन इनवेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड के हेड के नाम पर यह भरोसा दिलाया गया है कि इनवेस्टमेंट प्लान पर कदम बढ़ाए जाएं। हालांकि, निवेश की योजना को अक्टूबर 2013 में ही कोर्ट में चैलेंज किया जा चुका था।

ईमेल में लिखा गया है, ‘कुछ समय पहले मिस्टर अजित सिंह से मिला था। उन्होंने कहा कि अप्रूवल्स जल्द मिल जाने चाहिए और हमारी प्लैनिंग इस आधार पर होनी चाहिए कि 5/20 रूल रद्द किया जाएगा।’ वेंकट ने यह ईमेल थरुमलिंगम कनालिंगम को भेजा था। इनका नाम भी सीबीआई की एफआईआर में है।
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ईमेल में लिखा गया, ‘आज एफआईपीबी के चेयरमैन से मिला। उन्होंने कहा कि अगले हफ्ते वे कोर्ट में पॉलिसी को जोरदार ढंग से डिफेंड करने जा रहे हैं और इस संबंध में उन्होंने ऐफिडेविट्स फाइल कर दिए हैं। यही बात आज कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कही है।’ वेंकट सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट के मैनेजिंग ट्रस्टी हैं और उनके पास सभी टाटा ट्रस्ट्स के मैनेजमेंट की जिम्मेदारी है।

अपनी एफआईआर में सीबीआई ने आरोप लगाया है कि 5/20 रूल को या तो हटाकर या उसमें बदलाव कर इंटरनेशनल ऑपरेशंस के लिए परमिट पाने के लिए रिश्वत दी गई थी। 5/20 रूल के तहत 5 साल से कम अनुभव वाली और 20 से कम एयरक्राफ्ट्स रखने वाली एयरलाइन को भारत से विदेशी उड़ान शुरू करने की इजाजत नहीं होती।

कंपनियों के लिए लॉबीइंग करने वाले दीपक तलवार सहित नौ लोगों के नाम एफआईआर में हैं। इनके अलावा यूपीए 2 शासन काल के अज्ञात सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी एफआईआर की गई है। अब खत्म किए जा चुके एफआईपीबी के सरकारी अधिकारियों पर भी भ्रष्टाचार और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। एयर एशिया ग्रुप, मलेशिया के ग्रुप सीएफओ एंटनी फर्नांडिस और अन्य डायरेक्टरों के नाम भी एफआईआर में हैं।

सीबीआई के अनुसार, ‘एक गोपनीय कैबिनेट नोट 27 फरवरी 2014 को कैबिनेट को भेजा गया था ताकि सिविल एविएशन में इंटरनेशनल शेड्यूल के ऑपरेशन के लिए 5/20 रूल को बदला/हटाया जा सके। इसके बाद सिविल एविएशन मिनिस्ट्री ने 5 मार्च 2014 को सप्लिमेंट्री नोट के रूप में कैबिनेट के पास एक क्लैरिफिकेशन भेजा था।’ 44एफइआईआर में कहा गया है कि 5 मार्च 2014 को लोकसभा चुनाव की घोषणा हो जाने के कारण प्रस्ताव को मंजूरी नहीं मिल सकी थी। एफआईआर के बाद सीबीआई ने  दिल्ली, मुंबई और बेंगलुरु समेत छह स्थानों पर छापे मारे हैं।