सुनील वर्मा
क्या माफिया सरगना मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हत्या किसी साेची समझी साजिश का परिणाम है। क्या यूपी एसटीएफ ने किसी दूसरे माफिया सरगना के साथ मिलकर जेल के भीतर ही बजरंगी कह हत्या करवायी ताकि इसे गैंगवार का रूप दिया जा सके।
जेल के भीतर हुए इस हत्याकांड के बाद ये सवाल इसलिए खड़े हुए है क्याेंकि वारदात से दस िदन पहले बजरंगी की पत्नी सीमा सिंह ने ताे यूपी एसटीएफ पर साजिश रचकर बजरंगी की हत्या कराने का अाराेप लगाया ही था। खुद बजरंगी ने भी तीन महीना पहले अदालत में याचिका दाखिल करके अपनी हत्या की अाशंका जतायी थी।
यूपी में सुपारी किंग के नाम से जाने जाने वाले माफिया सरगना प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना बजरंगी ने झांसी के अपर सत्र न्यायाधीश (चतुर्थ) मो. गुलाम उल मदार की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया गया था। प्रार्थना पत्र में झांसी के डीएम, एसपी और एएसपी पर साजिश रचने का आरोप लगाते हुए कहा था कि ये अफसर उसे जेल से बाहर निकाल कर फर्जी मुठभेड़ में मारना चाहते हैं।
दो दशक पहले कैंट थाना क्षेत्र के खजुरी मोहल्ले में सगे भाई राजेन्द्र सिंह और बड़े सिंह की अत्याधुनिक हथियारों से गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी। इस मामले में बजरंगी आरोपित था। कोर्ट इस मामले में बजरंगी को कई तिथियों से तलब कर रही थी। बजरंगी के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर झांसी के आला अफसरों से बजरंगी की जान को खतरा बताते हुए अविलम्ब सुरक्षा के सम्बंध में समुचित निर्देश का अनुरोध किया था। इस मामलें में अदालत ने झांसी के डीएम, एसपी, कारागार अधीक्षक को नोटिस जारी कर आख्या तलब की थी।
मुन्ना बजरंगी की ओर से उससे पहले भी सुरक्षा की गुहार लगाते हुए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिए गए थे। कोर्ट ने कारागार महानिरीक्षक और अधीक्षक से भी स्पष्टीकरण मांगा था। दरअसल, बजरंगी ने अपनी हत्या की साजिश रखने का से अाराेप उस वक्त लगाया जब 9 मार्च को एसटीएफ के दो कर्मचारी झांसी जेल में आये थे। वहां बैरकों में बंद कुछ बंदियों को साजिश में शामिल कर उन्हाेंने बजरंगी के भोजन में विषाक्त पदार्थ मिलाकर उसकी हत्या की साजिश रची। एसटीएफ कर्मियों के जेल में आने-जाने की गतिविधि सीसीटीवी में भी कैद थी। इसके बाद आशंका थी कि बजरंगी की कारागार में ही हाे सकती है। मुन्ना बजरंगी की बनारस व झांसी जेल में हत्या की साजिश ने तूल पकड़ा लिया था। परिजनाें का अाराेप है कि एसटीएफ के इशारे पर हत्या की इस साजिश में बदलाव कर इस बागपत में अंजाम दिया गया। परिजनाें का अाराेप है कि बजरंगी पर गाेलियां चलाने वाले यूपी के एक दंबग माफिया ने बागपत जेल में पहले से बंद सुनील राठी की मदद से वारदात काे अंजाम दिलवाया जिसमें एसटएीएफ के कुछ अफसराें ने मदद की।