नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कालेधन पर लगाम लगाने के लिए जो कदम उठाया है, उसका चौतरफा स्‍वागत तो हो रहा है, लेकिन यह आशंका भी जताई जा रही है कि 2000 रुपये के नए नोट और प्रॉपर्टी खरीद के जरिये फिर काला धन जमा कर लिया जाएगा। यही नहीं, तरह-तरह के सुझाव भी आ रहे हैं कि किस प्रकार काले धन को हमेशा के लिए समाप्‍त किया जा सकता है। प्रस्‍तुत है उसकी एक बानगी-

केंद्र सरकार हीरा, पन्ना एवं सोना खरीदने एवं रखने वालों के लिए एक नया कानून बनाए। अगर आपके पास ज्वेलरी है या सोने के बिस्किट या किसी अन्य रूप में सोना है तो 30 दिसंबर तक सोना खरीदने एवं रखने वालों के लिए सोने का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाए। तीन लाख तक की ज्वेलरी रजिस्ट्रेशन से मुक्‍त रखी जाए, लेकिन इससे ज्यादा की ज्वेलरी पर टैक्स लगाया जाए और यदि इसके बाद कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन वाला सोना रखता है तो वह जब्त कर लिया जाए और उस व्‍यक्ति पर जुर्माना भी लगाया जाए।

वर्ष 2000 से ज़ितनी भी भूमि का निबंधन हुआ है और ज़िसकी रसीद कटती है सरकार उनके लिए निर्देश जारी करे कि वे 31 दिसंबर तक फिर से निबंधन कार्यलाय जाकर अपनी डीड पर आधार कार्ड नंबर और पैन कार्ड नंबर लिंकअप करवा लें। जो भी संपत्ति का लिंकअप न कराए तो माना जाए कि उसकी संपत्ति अवैध है और उसे जब्‍त करने की कार्रवाई की जाए।

हीरा, पन्ना एवं स्वर्ण व्यवसायी जो भी सोना खरीदें और बेचें उसकी रसीद पर आधार कार्ड एवं पैन कार्ड नंबर अंकित करें जिसकी एक कॉपी जिला कर विभाग सेल को रोज मेल करें य़ा सरकार एक वेबसाइट बनवाए ज़िसमें यह रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज किया जा सके। जो ऐसा न करें उनसे 200 प्रतिशत जुर्माना वसूल किया जाए।

ज़ितनी भी सामान खरीद बिक्री हो और उसका लेखा जोखा 5000 रुपये से अधिक हो, उसके लिए आधार कार्ड नंबर एवं पैन नंबर ज़रूरी कर दिया जाए।

वर्ष 1990 से आज तक ज़ितने भी मकान खरीदे गए हैं, उसके वर्तमान मालिक नगर निगम,  नगर पालिका,  नगर परिसद जहां भी उनका सालाना कर ज़मा होता है वहां 31 दिसंबर तक जाकर अपना आधार कार्ड एवं पैन कार्ड नंबर लिंकअप करवा दें।

वर्ष 2000 के बाद से ज़ितने भी वाहन खरीदे गए हैं, उनके वर्तमान मालिकों को आदेश दिया जाए कि वे आरटीओ जाकर 30 दिसंबर तक अपना आधार एवं पैन कार्ड नंबर लिंकअप करवा लें।