ओपिनियन पोस्ट
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) राज्यसभा में कांग्रेस को सीटों को मामले में पीछे छोड़ते हुए उच्च सदन की सबसे बड़ी पार्टी बन गयी। उच्च सदन में अब बीजेपी के 58 सदस्य हैं जबकि मुख्य विपक्षी दल के पास सिर्फ 57 सांसद हैं।
मध्यप्रदेश में हुये उपचुनाव के बाद राज्यसभा में निर्वाचित बीजेपी सांसद सम्पतिया उइके ने गुरूवार को शपथ ली। केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे के निधन के बाद इस सीट पर चुनाव की जरूरत पड़ी। उइके का चुनाव निर्विरोध हो गया। नरेंद्र मोदी सरकार के मई 2014 में सत्ता में आने के बाद यह पहला मौका है जब राज्यसभा में भगवा पार्टी के सबसे ज्यादा सांसद हैं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास हालांकि अब भी उच्च सदन में निर्णायक बहुमत नहीं है लेकिन जेडीयू के साथ आने से उसकी ताकत जरुर बढ़ी है। बहुमत के आंकड़े तक पहुंचने के लिए बीजेपी को अभी 2018 तक इंतजार करना होगा, जब यूपी समेत कई राज्यों में राज्यसभा की सीटों के लिए चुनाव होंगे।
अगले मंगलवार को 9 सीटों के लिए चुनाव होना है। इनमें 6 सीटें पश्चिम बंगाल की हैं और 3 सीटें गुजरात की हैं लेकिन इससे बीजेपी की बढ़त पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। बीजेपी गुजरात की दो सीटों पर जीत दर्ज कराने के लिए पहले ही तैयारी कर चुकी है। कांग्रेस के अहमद पटेल को रोककर बीजेपी तीसरी सीट के लिए भी जोर लगा रही है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के दो सदस्यों का कार्यकाल खत्म हो रहा है लेकिन पार्टी यहां सिर्फ एक सीट जीतने की स्थिति में दिख रही है। वहीं तृणमूल कांग्रेस की ममता बनर्जी ने अपने पांच नेताओं को राज्यसभा भेजने की तैयारी पूरी कर ली है।
कांग्रेस पार्टी 2018 तक राज्यसभा में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में रहती लेकिन उसके दो सदस्यों की मृत्यु के बाद इस साल उसके सदस्यों की संख्या कम हो गई। केंद्रीय मंत्री अनिल माधव दवे का निधन इसी साल मई में हो गया था।