ओपिनियन पोस्ट
नई दिल्ली । चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश के भिंड में जिला निर्वाचन अधिकारियों से मीडिया में आ रहीं उन खबरों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है, जिनमें कहा जा रहा है कि डेमो के दौरान वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से केवल बीजेपी के निशान वाली पर्चियां ही निकल रहीं थीं। उधर, मध्य प्रदेश की निर्वाचन अधिकारी सलीना सिंह ने मीडिया में आई खबरों का खंडन किया है। टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव आयोग ने भिंड के कलेक्टर, एसपी सहित 19 अधिकारियों का ट्रांसफर कर दिया है।
भिंड में अगले सप्ताह विधानसभा उपचुनाव होना है। शुक्रवार को मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि ईवीएम डेमो में किसी भी बटन को दबाने पर बीजेपी को वोट गया। रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया कि मध्यप्रदेश की मुख्य चुनाव अधिकारी सलीना सिंह ने पत्रकारों को यह खबर छापने पर पुलिस थाने में हिरासत में रखने की चेतावनी दी। आज इस मुद्दे पर खूब हंगामा हुआ। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने चुनाव आयोग से शिकायत की और आगे से सभी चुनाव ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से ही कराने की मांग की।
उसके बाद चुनाव आयोग के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने जिला निर्वाचन अधिकारियों से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है।’ वीवीपीएटी एक ऐसी मशीन होती है जिससे निकली पर्ची यह दिखाती है कि मतदाता ने किस पार्टी को वोट दिया है। मतदाता केवल सात सेकंड तक इस पर्ची को देख सकता है इसके बाद यह एक डिब्बे में गिर जाती है और मतदाता इसे अपने साथ नहीं ले जा सकता।
उधर, सलीना ने सोमवार को मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, ‘इस डेमो के दौरान ईवीएम मशीन में केवल दो ही बटन दबाए गए। पहला मैंने दबाया, जिससे कमल (बीजेपी का निशान:) का चिह्न आया और दूसरा वहां मौजूद किसी और व्यक्ति ने दबाया, जिससे हाथ का पंजा (कांग्रेस का निशान) आया।’ उन्होंने कहा, ‘मध्यप्रदेश की दो सीटों भिंड जिले की अटेर और उमरिया जिले की बांधवगढ़ में नौ अप्रैल को उपचुनाव होना है और इनमें ईवीएम मशीनों के साथ वोटर वेरीफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) मशीनें जुड़ी रहेंगी, जो दोनों सीटों के सभी मतदान केंद्रों में होंगी। यह मध्यप्रदेश में पहली बार होगा कि पूरे निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपीएटी सभी मतदान केंद्रों में दिखेगा। अटेर संवेदनशील सीट है।’
उनसे जब पूछा गया कि डेमो के दौरान दो बार कमल का चिह्न निकला इस पर सलीना ने जोर देकर कहा, ‘दो बार कमल का फूल नहीं आया। एक बार कमल का चिह्न और एक बार पंजे का चिह्न आया।’ उन्होंने कहा कि डेमो के लिए केवल एक ही मशीन का ही उपयोग किया गया। उन्होंने कहा कि कल ईवीएम मशीनों का ‘छद्म मतदान’ नहीं था, केवल ‘डेमो’ था, जिसकी ट्रेनिंग दी जा रही थी।
इस विवाद के बाद दिल्ली में शनिवार को कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का प्रतिनिधिमंडल शिकायत लेकर चुनाव आयोग पहुंचा । दरअसल पांच राज्यों के चुनावी नतीजे आने के बाद जिस तरह से सबसे पहले मायावती ने वोटिंग मशीन में गड़बड़ी का मुद्दा उठाया था उसके बाद से बाकी पार्टियां भी इस मु्‌द्दे को उठा रही हैं।