सुनील वर्मा
नई दिल्ली। चुनाव के बाद एग्जिट पोल वैसे तो महज एक आंकलन भर होता है और नतीजे इसके आसपास होते है लेकिन कई बार एग्जिट पोल एकदम उलट भी हो जाते हैं । लेकिन फिर भी नतीजों से पहले एग्जिट पोल के लिए लोगों में काफी उत्सुकता रहती है । इस बार भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव का मतदान समाप्त होने के बाद लोगों की निगाहें आज विभिन्न समाचार चैनलों की ओर से पेश किए जाने वाले 5 राज्यों के चुनावी एग्जिट पोल्स पर लगी हैं। लेकिन लोगों की का सबसे ज्यादा रुझान उत्तर प्रदेश को लेकर है जिसका एग्जिट पोल बेहद मुश्किल भरा होगा। उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर के विधानसभा चुनावों का बुधवार को ही समापन हुआ है और 11 मार्च को नतीजे आने हैं। मतगणना से पहले यह एग्जिट पोल लोगों में चुनावी नतीजों की उत्सुकता को बढ़ाने का काम करेंगे, लेकिन यह देखने वाली बात होगी कि ये कितने सही साबित होते हैं। देखना होगा कि एग्जिट पोल के नतीजे ओपिनियन पोल के करीब होंगे या बदले हुए दिखेंगे । हालाँकि पहले सभी टीवी न्यूज़ चेन्नलों ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों के एग्जिट पोल 8 मार्च की शाम छह बजे ही दिखाने की तैयारी की थी लेकिन चुनाव आयोग की ओर से शनिवार को जारी अधिसूचना के बाद अब एग्जिट पोल आज शाम साढ़े पांच बजे के बाद प्रकाशित और प्रसारित होंगे । क्योंकि उत्तर प्रदेश के अलापुर (सु.) सीट से प्रत्याशी चंद्रशेखर और उत्तराखंड के कर्णप्रयाग सीट से प्रत्याशी कुलदीप सिंह कनवासी के निधन के कारण इन सीटों पर मतदान टाल दिया गया था। इन सीटों आज मतदान हो रहा है। जबकि इससे पहले आयोग ने 27 जनवरी को जारी अधिसूचना में चार फरवरी से आठ मार्च तक सुबह सात से शाम साढ़े पांच बजे तक एग्जिट पोल पर रोक लगाई थी।
क्या कहते है 2017 के विधान सभा चुनाव के ओपिनियन पोल
OPINION-POLविधान सभा चुनाव से पहले जनवरी महीने में किए गए ओपिनियन पोल के नतीजों को देखें तो किसी एक पार्टी को स्पष्ट विजेता बताना मुश्किल है। अलग-अलग ओपिनियन सर्वे में बसपा, भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन को सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की संभावना जतायी गई।
टाइम्स नाउ और वीएमआर के बीजेपी को 202 सीटें और सपा-कांग्रेस गठबंधन को 147 सीटें मिलने की बात कही गई थी । इसमें बसपा को 47 सीटों के साथ तीसरे नंबर पर बताया गया था । एबीपी न्यूज़-लोकनीति और सीएसडीएस के ओपिनियन पोल में बीजेपी को करीब 123 सीटें और सपा-कांग्रेस गठबंधन को 192 सीटें मिलने की बात कही गई थी । इसमें भी बसपा को 81 सीट के साथ तीसरे नंबर पर बताया गया था। न्यूज़ 24 का ओपिनियन पोल भी एबीपी के पोल जैसा ही था जिसमे बीजेपी को करीब 120 सीटें और सपा-कांग्रेस गठबंधन को 191 सीटें मिलने की बात कही गई थी । इसमें भी बसपा को 76 सीट के साथ तीसरे नंबर पर बताया गया था। द वीक और हंसा की तरफ से यूपी को लेकर हुए सर्वे में भी किसी पार्टी को बहुमत नहीं बताया गया था । इसमें बीजेपी को करीब सबसे ज्यादा 194 सीटो के साथ बहुमत के करीब बताया गया था जबकि सपा-कांग्रेस गठबंधन को 180 सीट के साथ दूसरे नम्बर पर बसपा को मात्र 22 सीट के साथ तीसरे नंबर पर बताया गया था। वैसे इंडिया टुडे – एक्सिस के ओपिनियन सर्वे की बात करे तो उसके मुताबिक यूपी में बीजेपी पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाएगी उसने ओपिनियन पोल में बीजेपी को 211 और 101 तथा बसपा 121 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर बताया था । अब देखे कि आज शाम को इन सभी के एग्जिट पोल ओपिनियन पोल के कितने करीब होंगे ।
एग्जिट पोल पर शेयर बाजार की नजर
पांच राज्यों के चुनाव परिणामों पर पूरे देश की नजर है। यह मतगणना 11 मार्च को होना है। इससे पहले 9 मार्च की शाम को एग्जिट पोल जारी किए जाएंगे। जानकारों के मुताबिक, इन एग्जिट पोल्स का शेयर बाजार पर व्यापक असर पड़ेगा। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के प्राइवेट क्लाइंट ग्रुप (पीसीजी) के हेड वीके शर्मा ने कहा कि इस सप्ताह 10 मार्च को शेयर बाजार का कारोबार खत्म होगा। तब तक राज्यों के चुनावों के नतीजे पता नहीं होंगे। ये परिणाम शनिवार को आएंगे। लिहाजा चुनाव नतीजों का असर आगामी हफ्तों में दिखाई देगा। इन पर बाजार की प्रतिक्रिया 14 मार्च को देखने को मिलेगी जब होली के बाद यह खुलेगा। हालांकि बाजार 9 मार्च को जारी होने वाले एग्जिट पोल से कुछ संकेत लेगा।
अब तक मिले जुले साबित हुए एग्जिट पोल
वैसे एग्जिट पोल्स के अब तक के इतिहास को देखा जाए तो इनकी भविष्यवाणियां मिली-जुली हुई ही साबित हुई हैं। पिछले साल अप्रैल-मई में हुए 4 राज्यों असम, केरल, पुदुचेरी और पश्चिम बंगाल के लिए दिखाए गए एग्जिट पोल्स भी काफी हद तक सटीक साबित हुए थे। वैसे एग्ज़िट पोल्स को इतनी गंभीरता से क्यो लेना ये तो सिर्फ पूर्वानुमान है, सही भी हो सकते है और गलत भी। मिसाल के तौर पर तमिलनाडु में पिछले साल हुए विधानसभा चुनावों को लेकर ज्यादातर एग्जिट पोल्स में यह अनुमान लगाया गया था कि एआईएडीएमके को हार झेलनी पड़ेगी। लेकिन नतीजे इससे उलट आए और जयललिता को सत्ता विरोधी लहर का सामना नहीं करना पड़ा।
इसके उलट बीते साल ही असम विधानसभा चुनावों में ज्यादातर एग्जिट पोल्स ने बीजेपी की बंपर जीत का अनुमान लगाया था, जो सही साबित हुआ। सूबे में कांग्रेस के तरुण गोगोई बीते 15 साल से सीएम थे, लेकिन बीजेपी ने सर्बानंद सोनोवाल की लीडरशिप में सत्ता पर कब्जा जमाने में सफलता पाई। 126 सदस्यीय असम विधानसभा में एबीपी ने बीजेपी को 81 सीटें और चाणक्य ने 90 सीटें मिलने का अनुमान जताया था। नतीजे इन अनुमानों के करीब ही रहे और बीजेपी को 86 सीटों पर जीत मिली और उसे बहुमत से सरकार बनाई।
इसी तरह पश्चिम बंगाल चुनावों में इंडिया टुडे ने तृणमूल कांग्रेस की बंपर जीत का अनुमान जताया था, जो सही साबित हुआ। 294 सीटों वाली विधानसभा में ममता बनर्जी की लीडरशिप वाली पार्टी को 211 सीटें मिलीं, जबकि बहुमत के लिए सिर्फ 148 के आंकड़े की जरूरत थी। चाणक्य ने अपने सर्वे में टीएमसी को 210, सी-वोटर ने 167 सीटें दी थीं।
इसी तरह केरल को लेकर हुए ज्यादातर एग्जिट पोल्स में सत्ताधारी यूडीएफ के बेदखल होने का अनुमान जताया गया था। ये अनुमान सही साबित हुए और 140 सीटों वाली केरल विधानसभा में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 91 सीटें जीतीं।
पुदुचेरी में भी ज्यादातर एग्जिट पोल्स के लिए यहां अनुमान लगाना आसान साबित हुआ। सभी ने एक स्वर में कांग्रेस-डीएमके की जीत की भविष्यवाणी की थी, जो सही साबित हुई।
लेकिन बिहार में हाल के दिनों में एग्जिट पोल्स को सबसे बड़ा झटका बिहार विधानसभा चुनाव में लगा था। अक्टूबर-नवंबर 2015 में हुए चुनावों में ज्यादातर सर्वे में एनडीए और महागठबंधन के बीच करीबी मुकाबला बताया गया था, लेकिन महागठबंधन ने बीजेपी को करारी मात दी। 243 सीटों वाली बिहार विधानसभा में एबीपी-नील्सन सर्वे में महागठबंधन को 130 और एनडीए को 108 सीटें मिलने का अनुमान था। टाइम्स नाउ ने सी-वोटर के साथ दिए सर्वे में महागठबंधन को 122 और बीजेपी लीडरशिप वाले एनडीए को 111 सीटें दी थी। लेकिन, नतीजे एकदम उलट थे और जनता ने महागठबंधन को 178 सीटों पर जीत दिलाई।
लेकिन इससे पहले लोकसभा चुनाव 2014 भी ज्यादातर एग्जिट पोल्स के करीब ही थे । आम चुनाव से पहले ज्यादातर एग्जिट पोल्स में इस बात पर सहमति थी कि एनडीए को बहुमत मिलेगा या फिर वह इसके बहुत करीब होगा। एग्जिट पोल्स में बीजेपी के अब तक के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन का भी अनुमान लगाया गया था। नतीजे आए तो न्यूज24 के चाणक्य सर्वे के अनुमान सबसे सही साबित हुए। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने 543 लोकसभा सीटों में से 334 पर जीत हासिल की, जबकि यूपीए गठबंधन महज 60 सीटों पर ही सिमट गया। बीजेपी ने अकेले 282 सीटें हासिल कीं, वहीं कांग्रेस 44 सीटों पर ही रह गई।
आज जारी होने वाले ज्यादातर एग्जिट पोल्स का बेसब्री से इंतजार कर रहे है । लोगों को यूपी चुनाव के लिए किये गए एग्जिट पोल्स का सबसे ज्यादा बेसब्री से इंतज़ार है । क्योंकि यूपी चुनाव के नतीजे देश की भावी राजनीति की दिशा और दशा तय करेंगे ।