देश के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई ने नए साल पर ग्राहकों को सस्ते कर्ज का तोहफा दिया है। एसबीआई ने कर्ज की दरों में 0.30 फीसदी की कटौती की है। बैंक का बेस रेट अब 8.95 फीसदी से घटकर 8.65 फीसदी हो गया है। नई दर पहली जनवरी से लागू हो गई है। इससे होम, अॉटो, पर्सनल लोन सहित सभी तरह के कर्ज सस्ते हो गए हैं।
यही नहीं एसबीआई ने 31 मार्च 2018 तक के लिए अपने होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस भी माफ कर दी है। यानी घर खरीदने के लिए लोन लेने वालों को बैंक ने दोहरी राहत दी है। चूंकि 1 अप्रैल 2016 से सभी बैंक मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) पर लोन दे रहे हैं इसलिए बेस रेट में कटौती का फायदा बैंक के सभी मौजूदा ग्राहकों को होगा। बैंक ने बेस रेट के अलावा बीपीएलआर को भी 13.70 फीसदी से घटा कर 13.40 फीसदी कर दिया है। हालांकि बैंक ने एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया है। बैंक की एक साल के कर्ज के लिए एमसीएलआर 7.95 फीसदी है।
एसबीआई के प्रबंध निदेशक (खुदरा और डिजिटल बैंकिंग) पीके गुप्ता ने बताया, ‘‘हमने दिसंबर के अंतिम सप्ताह में ब्याज दर की समीक्षा की और जमा पर ब्याज दरों के आधार पर हमने आधार दर 0.30 फीसदी कम कर अब 8.65 फीसदी कर दिया है।’’ करीब 80 लाख ग्राहक ब्याज दर की पुरानी व्यवस्था पर है और उन्होंने एमसीएलआर को नहीं अपनाया। इन ग्राहकों को इस कटौती का लाभ होगा। बैंक मासिक आधार पर एमसीएलआर की समीक्षा करता है जबकि आधार दर की समीक्षा तिमाही में होती है।
अप्रैल 2016 में एमसीएलआर की व्यवस्था शुरू होने से पहले कर्ज पर ब्याज बेस रेट से ही तय होता था। बैंक की फंड लागत से जुड़े एमसीएलआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। एक साल का एमसीएलआर 7.95% है। यानी अप्रैल 2016 या इसके बाद कर्ज लेने वालों की ईएमआई नहीं घटेगी। इससे पहले एसबीआई ने 28 सितंबर को बेस रेट 0.05% कम किया था। बैंकों द्वारा ब्याज दरों में मामूली कटौती पर आरबीआई ऐतराज जता चुका है। दिसंबर 2014 से अक्टूबर 2016 के दौरान आरबीआई ने रेपो रेट में 1.75% कटौती की, जबकि बैंकों ने बेस रेट औसतन 0.60% ही घटाए।
खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने वालों से वसूले 1,771 करोड़
भारतीय स्टेट बैंक ने खाते में न्यूनतम राशि नहीं रखने वालों से पिछले नौ महीने में 1,771 करोड़ रुपये की राशि वसूल की है। यह राशि बैंक की एक तिमाही की कमाई से भी ज्यादा है। बैंक ने जुलाई-सितंबर तिमाही में 1,581.55 करोड़ रुपये की कमाई की थी। यह राशि बैंक की अप्रैल-सितंबर की कुल कमाई 3,586 करोड़ रुपये के लगभग आधी है।
एसबीआई के 42 करोड़ खाता धारक हैं। इनमें 13 करोड़ सामान्य बचत खाते और प्रधानमंत्री जन धन योजना के खाते हैं। इन दोनों में न्यूनतम राशि नहीं रखने पर कोई चार्ज नहीं लगता है। मेट्रो और शहरी क्षेत्रों में बचत खातों में न्यूनतम राशि 3,000 रुपये रखना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर बैंक चार्ज वसूलता है। हालांकि एसबीआई ने पेंशनभोगियों, पहला कदम पहली उड़ान खातों और 18 साल से कम उम्र के बच्चों को न्यूनतम राशि नहीं रखने पर लगने वाले चार्ज से छूट दी है।
अगर आप भी न्यूनतम राशि नहीं रखने पर कोई चार्ज नहीं भरना चाहते, तो एसबीआई आपको अपना सेविंग्स अकाउंट कनवर्ट करने का आॅप्शन दे रहा है। कनवर्ट कराने के लिए आपको एसबीआई की शाखा में जाना होगा और इसके लिए अकाउंट बदलने के लिए एप्लिकेशन देनी होगी। यहां बैंक में आप अपना सेविंग्स अकाउंट उन अकांउट्स में कनवर्ट कर सकते हैं, जिनमें आपको मिनिमम बैलेंस रखने की अनिवार्यता नहीं होती। बेसिक सेविंग अकांउट, जनधन खाता, स्मॉल सेविंग्स अकाउंट और सैलरी अकाउंट में न्यूनतम राशि रखने की अनिवार्यता नहीं हैं।