नई दिल्ली।

कोयला घोटाले में जेल की सजा काट रहे झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने कोड़ा की सजा और जुर्माने पर अगली सुनवाई तक के लिए रोक लगा दी है। रोक मंगलवार को 22 जनवरी तक के लिए लगाई गई। अदालत ने फैसले को चुनौती देने वाली कोड़ा की याचिका पर सीबीआई से जवाब भी मांगा है।

न्यायमूर्ति अनु मल्होत्रा ने अदालत में उपस्थित कोड़ा को सुनवाई की अगली तारीख तक अंतरिम जमानत दी है। हालांकि उन्‍हें देश से बाहर न जाने का भी निर्देश दिया गया है। कोड़ा ने उच्च न्यायालय में अपनी अपील लंबित रहने तक सजा को निलंबित करने और जमानत देने का अनुरोध किया था।

10 साल पुराने कोयला घोटाले में पिछले महीने दोषी करार दिए जाने के बाद कोर्ट ने 16 दिसंबर को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत चार को 3-3 साल की सजा सुनाई थी। मधु कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

फैसले के बाद सभी को दो महीने की अंतरिम जमानत भी मिल गई थी। यह घोटाला झारखंड में कोल ब्लॉक आवंटन से जुड़ा है। दोषियों में मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव अशोक कुमार बसु, कोड़ा के करीबी विजय जोशी शामिल थे। कोर्ट ने प्राइवेट कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग (वीआईएसयूएल) पर भी 50 लाख रुपये का जुर्माना ठोका था।

तब स्पेशल जज भरत पाराशर ने मधु कोड़ा पर 25 लाख और एचसी गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। इससे पहले सीबीआई ने चार्जशीट में कोड़ा और गुप्ता समेत चारों दोषियों के खिलाफ 120बी (आपराधिक साजिश), 420 धोखाधड़ी, 409 (सरकारी पद पर रहते हुए विश्वासघात) और भ्रष्टाचार विरोधी कानून के तहत आरोप लगाए थे।

क्या है कोयला घोटाला

कोयला घोटाला झारखंड में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक के अलॉटमेंट से जुड़ा है। इस ब्लॉक को 2007 में कोलकाता की कंपनी विनी आयरन एंड स्टील उद्योग लिमिटेड (वीआईएसयूएल) को अलॉट किया गया था। आरोप है कि इसमें गड़बड़ियां की गईं।

निर्दलीय विधायक मधु कोड़ा 14 सितंबर 2006 से 27 अगस्त 2008 तक 709 दिन सीएम रहे। उन पर 4000 करोड़ के घोटाले का मामला दर्ज है। आयकर विभाग ने कोड़ा और साथियों के 79 ठिकानों पर छापेमारी की थी।

तब के उद्योग सचिव अरुण कुमार सिंह ने विनी आयरन एंड स्टील उद्योग से 14 सितंबर 2006 को धनबाद में छह लाख टन क्षमता का स्टील प्लांट लगाने का एमओयू किया था। इसे निदेशक संजीव तुलस्यान ने साइन किया।

वीआईएसयूएल ने 8 जनवरी 2007 को कोल ब्लॉक के लिए आवेदन किया। झारखंड सरकार और इस्पात मंत्रालय ने इसे ब्लॉक देने की सिफारिश नहीं की। लेकिन 36वीं स्क्रीनिंग कमेटी ने इसकी सिफारिश कर दी।

तब स्क्रीनिंग कमेटी के अध्यक्ष एचसी गुप्ता कोयला मंत्रालय का प्रभार देख रहे थे। उन्‍होंने तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह से यह बात छिपाई कि सरकार ने कंपनी को कोल ब्लॉक देने की सिफारिश नहीं की है। सीबीआई के अनुसार कोड़ा, बसु और दो अन्य ने वीआईएसयूएल को ब्लॉक आवंटन की साजिश रची।