आगरा।

उत्‍तर प्रदेश के आगरा मंडल में आंधी ने मौत का तांडव रचा तो तूफान का कहर कुछ यूं टूटा कि 15 लोगों की मौत हो गई और 24 लोग घायल हो गए। मौसम कुछ यूं खराब हुआ कि करीब 35 मिलीमीटर बारिश हुई और 40 मिनट तक ओले गिरते रहे।

पिछले 11 अप्रैल की शाम से आंधी और बारिश की वजह से आगरा का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया। इसका कहर ताजमहल पर भी देखा गया। ताजमहल के प्रवेश द्वार के दो गुलदस्ता पिलर धाराशाई हो गए।

भीमनगरी का मंच भी गिर गया। शाहगंज में मस्जिद की मीनार गिर गई। वहीं आंधी-तूफान और ओलावृष्टि में ब्रज क्षेत्र में 15 लोगों की मौत हो गई तो 24 से ज्यादा लोग घायल हो गए। आंधी-तूफान ने पूरे मंडल में जमकर तबाही मचाई।

भयंकर तूफान से शहर से लेकर देहात तक सैकड़ों पेड़, होर्डिंग, टीनशेड, खंभे उखड़ गए। कई जगह मकान और दीवारें ढह गईं। आगरा में आठ, मथुरा में चार और फिरोजाबाद में तीन लोगों की मौत हो गई।

ताजमहल के दो गेटों की मीनारें गिरने के साथ मुख्य स्मारक को भी नुकसान पहुंचा है। तूफान में दो दर्जन से अधिक लोग जख्मी हुए हैं। बवंडर में करोड़ों रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। कई इलाके पानी में डूब गए तो गेहूं की 80 फीसदी तक फसल नष्ट हो गई।

मदद मुहैया कराने के निर्देश

यूपी के मौसम में आए बदलाव और आंधी-तूफान के कहर से सूबे में अब तक 35 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। राजस्व विभाग के निर्देश पर आंधी-तूफान से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है। पीड़ित लोगों को सरकार ने तत्काल मदद मुहैया कराने के निर्देश दिए हैं।

टूटा 24 साल का रिकार्ड

चौबीस साल का रिकार्ड तोडऩे वाले तूफान के आगे मुगलकालीन ताजमहल भी कांप उठा। यहां रॉयल गेट के ऊपर लगा करीब 12 फुट ऊंचा पिलर टूटकर गिर पड़ा। दक्षिणी गेट के ऊपर लगा आठ फुट ऊंचा पिलर भी टूट गया। सरहिंदी बेगम (सहेली बुर्ज) के मकबरे की छत का गुलदस्ता नीचे आ गया।

परिसर में कई पेड़ धराशाई हो गए हैं। विश्वदाय स्मारक ताजमहल को बड़ा नुकसान पहुंचा है। फोरकोर्ट में लगा नीम का पेड़ लैंप पर टूटकर गिर गया। इसके अलावा उद्यान में भी कई पेड़ टूटे हैं। रॉयल गेट के ऊपर उत्तरी व दक्षिणी ओर 11-11 छोटी छतरियां बनी हुई हैं।