ओपिनियन पोस्ट
उत्तरप्रदेश की योगी सरकार के दामन पर दाग लगना शुरु हो गए हैं। ऐसा दरसअल, मुरादाबा की इस घटना को सुनने के बाद कहा जाना गलत नहीं होगा जहां पर वाल्मीकि समाज के लोगों ने बीजेपी को दलित विरोध बताते हुए हिंदू धर्म को त्याग दिया है। इतना ही नहीं इन लोगों ने अपने घरों में रखी मूर्तियों को रामगंगा में बहा दिया है। साथ ही इन लोगों ने अब मुस्लिम धर्म अपनाने की बात भी कही है।

आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों में सहारनपुर और संभल में सांप्रदायिक हिंसाओं की वजह से सरकार की खूब किरकिरी हो रही है। इसको लेकर वाल्मिकी समाज के लोगों ने बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है और बीजेपी नेताओं को इन हमलों का जिम्मेदार माना है। बताया जा रहा है कि जिले में करीब 50 से ज्यादा लोगों ने हिंदू धर्म का त्याग कर दिया है।

अपने घरों में लगे हिन्दू देवी - देवताओं के चित्र गंगा में किसर्जित करते वाल्मीकि समाज के लोग - साभार : इंडिया वॉइस
अपने घरों में लगे हिन्दू देवी – देवताओं के चित्र गंगा में किसर्जित करते वाल्मीकि समाज के लोग –
साभार : इंडिया वॉइस

लोगों ने सरकार से नाराज होकर अपने घरों में रखी भगवान की मूर्तियों को गंगा में बहा दिया है। लोगों में नाराजगी इस कदर है कि वो बीजेपी के खिलाफ लगातार नारेबाजी कर रहे हैं। हालांकि इन लोगों को ऐसा करने से रोकने के लिए  बजरंग दल के कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंचे थे, लेकिन वाल्मीकि समाज के लोग लगातार सरकार पर उपेक्षा और उत्पीड़न का आरोप लगा रहे हैं।

इस दौरान वाल्मीकि समाज के राष्ट्रीय मुख्य संचालक लल्ला बाबू द्रविड़ ने सरकार की नीतियों पर जमकर हमला बोला और वर्तमान सरकार को बाल्मीकि समाज के लोगो पर फायरिंग और हमला करने वाला करार दिया। बताया जा रहा है की प्रशासन ने वाल्मीकि समाज के लोगों के इस विरोध को गंभीरता से लिया है।  इस मामले की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है ।जिलाधिकारी और एसएसपी ने वाल्मीकि समाज के प्रबुद्ध लोगों को बुलाकर बातचीत की है । लेकिन लगता नहीं है की  वाल्मीकि समाज का गुस्सा जल्द शांत होने वाला है ।