लखनऊ।
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने अपने पहले बजट में किसानों की कर्जमाफी पर फोकस किया है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 3 लाख 84 हजार 659 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था किसानों की कर्ज माफी के लिए है। इस प्रकार यूपी के बजट में किसानों का सशक्तिकरण किया जाना है।
दीन दयाल उपाध्याय नगर विकास योजना के लिए 300 करोड़ और मलिन बस्ती विकास योजना के लिए 385 करोड़ रुपये का बजट है। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने कहा कि प्रदेश में 1 लाख 50 हज़ार पुलिस कर्मियों की भर्ती करने की योजना है। अल्पसंख्यक छात्र छात्राओं को छात्रवृत्ति के लिए 791 करोड़ 83 लाख रुपये का बजट है।
गोरखपुर में लोक मल्हार और अयोध्या में सावन झूला पर विशेष आयोजन होंगे। बजट में स्कूल में बच्चों के बैग के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है। इसके साथ शौचालय निर्माण के लिए 3255 करोड़, इसमें स्कूल में बनने वाले शौचालय भी शामिल, सर्व शिक्षा अभियान के लिए 19444 करोड़, मिड डे मील के लिए 2054 करोड़, माध्यमिक शिक्षा के लिए 551 करोड़, उच्च शिक्षा के लिए 191 करोड़, ओबीसी हॉस्टल के लिए 52 करोड़ और मान्यता प्राप्त मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए 394 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं।
बजट सत्र के पहले दिन के पहले सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने एकजुट होकर हंगामा शुरू कर दिया। पहले विधान परिषद की कार्यवाही को स्थगित किया गया। इसके कुछ देर बाद ही विधानसभा की कार्यवाही को शोर-शराबे के कारण स्थगित किया गया। दोनों सदनों की कार्यवाही को दिन में 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।
जैसे ही 11 बजे विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी दलों के सदस्यों ने वेल में आकर हंगामा शुरू कर दिया। इस बीच सपा के विधायक सदन के भीतर ही धरने पर बैठ गए। विपक्षी दलों के सदस्य प्रदेश की कानून व्यवस्था और किसानों के मुद्दे को लेकर हंगामा कर रहे थे, जिसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित ने सदस्यों को समझाने की कोशिश की लेकिन वे नहीं माने। इसके बाद अध्यक्ष ने विधानसभा 12.15 बजे तक स्थगित कर दी। इससे पहले विधान परिषद की कार्यवाही भी विपक्ष के हंगामे के चलते 11.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई थी।