चंद्रबाबू नायडू, ओपिनियन पोस्ट

उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने आंध्र प्रदेश की राजधानी के अमरावती में मुक्तयाल से विजयवाड़ा के बीच राष्ट्रीय जलमार्ग विकसित करने की परियोजना का शिलान्यास किया। कार्यक्रम के दौरान उपराष्ट्रपति ने कहा कि देश में नदियों को जोड़ना वक्त की दरकार है और जल संरक्षण को एक राष्ट्रीय आंदोलन बनना चाहिए।

साथ ही उन्होंने कहा कि यदि हम पानी की बढ़ती जरूरत को पूरा करने के लिए नदियों को जोड़ने में नाकाम रहें तो इतिहास हमे माफ नहीं करेगा। हमारी आबादी बढ़ रही है लेकिन जल संसाधन घट रहे हैं। कई नदियां सूख चुकी हैं। नदियों का संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन का रखरखाव अब महत्वपूर्ण जरूरत है। इसे एक राष्ट्रीय आंदोलन बनना चाहिए।

उपराष्ट्रपति ने राज्य में सात राष्ट्रीय राजमार्गों को देश को समर्पित किया जबकि छह अन्य की आधारशिला रखी। सागर माला परियोजना के तहत राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या चार के पहले चरण में मुक्तयाल और विजयवाड़ा के बीच 82 किलोमीटर लंबे अंतर्देशीय जलमार्ग का निर्माण किया जा रहा है। इसका प्रयोग नये राजधानी नगर अमरावती के निर्माण कार्य में सीमेंट और अन्य सामग्री लाने के लिए किया जाएगा। यह नदी के माध्यम से महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों और तीर्थस्थलों को भी जोड़ेगा।

इस अवसर पर केंद्रीय शिपिंग, सड़क परिवहन व राजमार्ग तथा जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा कि केंद्र सरकार आंध्र प्रदेश में राष्‍ट्रीय राजमार्गों को सुधारने पर एक लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च करेगी।

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वहीं राज्य के मुख्यमंत्री चंद्र बाबू नायडू ने कहा कि परियोजना का शिलान्यास राज्य के लिए ऐतिहासिक पल हैं, साथ ही उन्होंने उपराष्ट्रपति का राज्य के मुश्किल समय में साथ देने के लिए धन्यवाद किया और कहा कि राज्य को उम्मीद है कि केन्द्र सरकार उनकी हरसंभव मदद करेगी।

प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हा ने कहा कि राज्य ने देश की प्रगति में अहम योगदान दिया है।

दरअसल,, इसमें पर्यटन स्थलों में चार तैरते हुए टर्मिनल होंगे। विजयवाड़ा में दुर्गा घाट और भवानी द्वीप जबकि वेदादरी और अमरावती में तीर्थयात्रा केन्द्र होंगे। मुक्तलाय, इब्राहीमपट्टनम और हरिशचन्द्रपुरम में बनने वाले स्थिर केन्द्रों से माल की आवाजाही होगी।

राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या चार के दूसरे चरण में विजयवाड़ा और काकीनाड़ा के बीच नहर नौवहन विकसित किया जाएगा। दोनों चरणों में 315 किलोमीटर लंबे मार्ग का निर्माण होगा जिसकी लागत करीब 7,015 करोड़ रुपये आएगी।

बता दें कि इस कार्यक्रम में राजनीति की कई बड़ी हस्तियों ने शिरकत की जिसमें केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जहाजरानी एवं जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ईएसएल नरसिम्हा, मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू, विग्यान एवं केन्द्रीय विग्यान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में राज्य मंत्री वाईएम चौधरी शामिल थे।