पटना।

बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात कर खुद पर लगे आरोपों के सिलसिले में सफाई दी है। उन्‍होंने नीतीश कुमार को बताया कि जब उन पर आरोप लगे थे तब वह सरकारी पद पर नहीं थे। ऐसे में प्रिवेंशन ऑफ करप्पशन एक्ट में वह कैसे दोषी हो सकते हैं? नीतीश व तेजस्‍वी की इस मुलाकात से कयास लगाया जा रहा है कि अब तेजस्‍वी के इस्‍तीफे की बात टल सकती है। हालांकि, जदयू के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि मामला इतनी जल्दी शांत होने वाला नहीं है।

सूत्रों की मानें तो तेजस्वी को सबूत के साथ सफाई देनी ही होगी। तेजस्वी यादव दिल्ली रवाना हो रहे हैं और उनके दिल्ली दौरे को विभागीय मीटिंग बताया जा रहा है। लेकिन सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी यादव सीबीआई की ओर से दर्ज प्राथमिकी के मामले में दिल्ली के वरिष्ठ वकीलों से सलाह-मशविरा करेंगे।

उधर, बिहार कैबिनेट की बैठक के बाद तेजस्वी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की बंद कमरे में मुलाकात को सुलह कहने पर जदयू के तेवर तल्ख हो गए हैं। जदयू के प्रवक्ता अजय आलोक ने मीडिया से बातचीत में साफ किया कि तेजस्वी और नीतीश कुमार की मुलाकात एक औपचारिक मुलाकात थी,  इसका कोई मायने और मतलब नहीं है। उन्होंने कहा कि जदयू आज भी अपने स्टैंड पर कायम है।

बता दें कि पिछली 7 जुलाई को सीबीआई की छापेमारी के बाद नीतीश और तेजस्‍वी में कोई बातचीत नहीं हुई थी। यहां तक कि पिछले सप्ताह हुई कैबिनेट की बैठक में भी मुख्यमंत्री से उनकी हाय-हेलो के अलावा कोई बात नहीं हुई थी। करीब 35 मिनट तक चली इस बैठक ने राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। एक ओर मुख्यमंत्री ने कुछ और अहम बिंदुओं पर तेजस्‍वी से स्पष्टीकरण मांगा है तो जदयू और राजद खेमे ने इस मुलाकात को ‘सौहार्दपूर्ण’ बताया है।

तेजस्वी ने बताया कि वह सीबीआई केस के खिलाफ कोर्ट जाएंगे और अग्रिम जमानत की अपील करेंगे। अगर उन्हें जमानत नहीं मिली,  तभी वह दोषी माने जा सकते हैं। अगर जमानत मिल गई या कोर्ट ने केस खत्म कर दिया तो फिर इस्तीफे का क्या मतलब होगा?

उधर,  बीजेपी नेता सुशील मोदी ने ट्वीट कर जदयू पर हमला बोला और कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की बात कर जदयू ने करोड़ों रुपये की बेनामी संपत्ति के मामले में तेजस्वी यादव से बिंदुवार और तथ्यात्मक जवाब पाने के लिए ताबड़तोड़ बयान दिए। अब कहा जा रहा है कि न मुख्यमंत्री ने तेजस्वी यादव से इस्तीफा मांगा और न इसके लिए समय-सीमा तय की।