kavi sammelan

‘दस पैसे में दो चूरन की पुड़ियों वाले दिन’ याद दिलाने वाले प्रमोद तिवारी नहीं रहे

अजय विद्युत ये क्यों कहें दिन आजकल अपने खराब हैं कांटों से घिर गये हैं ,समझ लो गुलाब हैं… ​कानपुर…