पुलिस के लिए पहेली बना चोटी काटने का रहस्‍य

सुनील वर्मा
करीब एक दशक पहले मंकी-मैन के हमलों की दहशत के बाद दिल्ली एनसीआर कुछ-कुछ वैसे ही ख़ौफ़ की गिरफ्त में हैं। इस बार वजह बना है- रहस्यमयी चोटी-चोर ! जो घर में घुसकर रहस्यमयी तरीक़े से सोती महिलाओं की चोटियां काट डालता है। एक महीना पहले राजस्‍थान के बीकानेर,नागौर व जैसलमेर में हुई घटनाओं के बाद दिल्‍ली के ग्रामीण इलाकों, गुडगांव, फरीदाबाद और नोएडा में महिलाएं अंजान चोटी चोर से खौफजदा है। दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा के डीसीपी मधुर वर्मा का कहना है कि जहां इस तरह की घटनाएं सामने अायी है उनकी गंभीरता से जांच की जा रही है।

बाल कटने की वारदात से पीडित एक महिला
बाल कटने की वारदात से पीडित एक महिला

जहां ये वाकये हुए, वहां घरों के तमाम खिड़की-दरवाज़े बंद थे और घरवालों ने तो क्या, खुद महिलाओं ने भी किसी को वहां आते और जाते हुए नहीं देखा। आख़िर ये मामला क्या है? आख़िर ये कौन सी शय है? आख़िर इन वारदातों के पीछे का रहस्य क्या है? कौन है जो महिलाओं को निशाना बना रहा है? कौन है जो उनकी चोटियां काट कर भाग रहा है? ये कटे हुए बाल और ये भांति-भांति की कहानियां दिल्ली-एनसीआर की फ़िजा में एक अजीब सा ख़ौफ़ घोल रही हैं।
पूरे दिल्‍ली एनसीआर में पुलिस डेढ दर्जन से ज्‍यादा मामलें दर्ज कर चुकी है लेकिन पुलिस से लेकर प्रशासन तक की समझ में नहीं आ रहा है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे कौन है। हालांकि पुलिस दबी जबान ये तो कह रही है कि इस तरह की घटनाओं के पीछे कुछ शरारती तत्‍वों को हाथ हो सकता है लेकिन इतने बड़े पैमाने पर इन घटनाओं को कैसे अंजाम दिया जा रहा है। इस तरह की घटनाओं को अफवाह इसलिए करार नहीं दिया जा सकता क्‍योंकि सभी मामलों में चोटी काटे जाने के साक्ष्‍य मौजूद हैं।
गुरुग्राम के अलावा हरियाणा के बाकी जिले मेवात, रेवाड़ी और महेन्द्रगढ़ में भी ऐसे मामले सामने आ रहे हैं। पीड़ित ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि वारदात से पहले वे बेहोश हो गईं थी और जब होश आया तो चोटियां कटी हुई मिली।
साईबर सिटी गुरुग्राम में बीते शुक्रवार रात से शुरु हुआ ये मामला आज भी ऐसे ही चल रहा है। यही नहीं गुरुग्राम के पटौदी इलाके में इस तरह की दो घटनाएं करीब 10 दिन पहले भी हो चुकी हैं। उधर पलवल में भी डर का माहौल है। यहां अब तक हथीन क्षेत्र के आधा दर्जन गांवों में दर्जनों महिलाओं व छोटी बच्चियों की चोटियां कट चुकी हैं।
मेवात से भी पिछले दो हफ्तों में ऐसी ही 15 घटनाएं सामने आ चुकी हैं। इन घटनाओं से लोगों में दहशत हैं। गांव के लोग इन घटनाओं को भूत-प्रेत का असर बता रहे हैं। दिल्ली के छावला स्थित कांगनहेड़ी गांव में डर से बच्चों ने स्कूल जाना छोड़ दिया है। गांव की महिलाएं खौफ में हैं, उन्हें हर पल चोटी काटने वाले भूत का डर सता रहा है। लोगों ने अपने दरवाजो पर नीम के पेड़ की डाल लगाई हुई है। जब इस बारे में पूछा गया तो लोगों ने बताया कि नीम के इस्तेमाल से भूत-प्रेत घर के अंदर नहीं घुसते हैं। गांव की महिलाएं अपने पतियों के साथ ही बाहर दिख रही हैं। बच्चे रात के समय घर के दरवाजे तक नहीं आ रहे। ऐसे तो गांव के काफी लोग पढ़े लिखे हैं, लेकिन एक साथ तीन महिलाओं के साथ हुई ऐसी घटना ने उन्हें अन्धविश्वासी बना दिया है। लोगों के मुताबिक, तीन महिलाएं झूठ नहीं बोल सकती।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *