व्हाट्सएप पर पाबंदी से सुप्रीम कोर्ट का इनकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मोबाइल चैट एप्लीकेशन व्हाट्सएप पर पाबंदी लगाने की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है। हरियाणा के आरटीआई एक्टिविस्ट सुधीर यादव ने व्हाट्सएप पर प्रतिबन्ध की मांग करते हुए यह याचिका दायर की थी। याचिका में मांग की गई थी कि व्हाट्सएप के संदेश गोपनीय कोड में तब्दील हो जाते हैं जिसे आतंकवादी संवाद के लिए प्रयोग कर सकते हैं। संदेशों का एंक्रिप्शन इतना मुश्किल है कि सुरक्षा एजेंसियां भी नहीं इन्हें नहीं पढ़ सकतीं।

सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए इसे सुनवाई के लायक नहीं माना। अदालत ने याचिकाकर्ता से कहा कि अगर आपको यह जरूरी लगता है आप सरकार या टीडीसैट के पास जा सकते हैं।

सुपर कंप्यूटर भी नहीं कर सकता इंटरसेप्ट

याचिका में कहा गया है कि व्हाट्सएप ने अप्रैल में एनक्रिप्शन संदेशों की शुरुआत की थी। इससे अब हर संदेश 256 बिट के कठिन कोड में बदल जाता है, जिसे तोड़ना मुश्किल है। यहां तक कि व्हाट्सएप भी इन कोड को तोड़ने में सक्षम नहीं है क्योंकि इसके पास इसे तोड़ने की कुंजी नहीं है। एनक्रिप्शन को सुपर कंप्यूटर से भी इंटरसेप्ट करना मुमकिन नहीं है। याचिकाकर्ता के मुताबिक संदेशों की गोपनीयता के कारण आंतकवादी व अपराधी आसानी से देश को नुकसान पहुंचाने की योजना बना सकते हैं। अन्य मैसेजिंग साइटें जैसे वाइबर, हाइक तथा सिक्योर चैट भी एनक्रिप्शन प्रयोग कर रहे हैं।

क्या है एनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी

– एनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी के जरिये किसी डाटा को इस तरह सिक्योर कर दिया जाता है कि कोई दूसरा शख्स इसे पढ़ न पाए।
– आसान शब्दों में कहें तो यह डाटा की सिक्युरिटी के लिए अपनाई जाने वाली वह टेक्नोलॉजी है, जिसके जरिए सिंपल इन्फॉर्मेशन को कॉम्प्लेक्स्ड फॉर्म में चेंज कर दिया जाता है।
– इसे अनलॉक करने के लिए यूजरनेम, पासवर्ड और खास एल्गॉरिदम की जरूरत होती है।
क्या होता है इसमें
– जब आप किसी को वॉट्सऐप से मैसेज भेजेंगे तो मैसेज सिर्फ वही पढ़ सकता है, जिसके नंबर पर मैसेज भेजा गया है।
– वॉट्सऐप के को-फाउंडर जेन कॉम और ब्रायन एक्टन ने एक ब्लॉग पोस्ट में कहा कि इस एनक्रिप्टेड मैसेज को कोई भी नहीं पढ़ सकता।
– हैकर्स और साइबर क्रिमिनल्स भी आपका मैसेज हैक नहीं कर पाएंगे। खुद वॉट्सऐप ऑफिशियल्स भी इस मैसेज को नहीं पढ़ सकते।
– ये पूरी तरह से प्राइवेट और सिक्योर होगा।

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