ओपिनियन पोस्‍ट
मुंबई की विशेष टाडा कोर्ट आज को मुंबई ब्लास्ट के दोषियों की सजा का ऐलान कर दिया है। इस मामले में कुख्यात अबू सलेम समेत 5 लोगों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ताहिर मर्चेट व फिरोज अब्‍दुल राशिद खान को फांसी, अबु सलेम व करीमुल्‍ला शेख को उम्रकैद  व  दो लाख रूपये जुर्माना तथा रियाज सिद्दकी को दस साल की सजा सुनाई है।   12 मार्च, 1993 को मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में ढाई सौ से अधिक लोगों की मौत हुई थी। मामले में कुल 7 आरोपी थे, जिनमें से एक अब्दुल कयूम को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था और छह को दोषी पाया था। छह दोषियों में एक मुस्तफा डोसा की मौत हो चुकी है।
मुम्बई ब्लास्ट के 24 साल बाद पीडित परिवारों के लिए आज का दिन बहुत बड़ा था। इस मामले में साल 2006 में एक अहम फैसला आया था जिसमें 123 आरोपियों में 100 को सजा का ऐलान हुआ था। इन आरोपियों में बालीबुड के एक्टर संजय दत्त पर प्रतिबंधित हथियार रखने का आरोप लगा था। जिसमें उनको सजा हुई थी। इसी मामले में दूसरे आरोपी मेमन को फांसी की सजा दी गई थी। जिसको साल 2015 में यरवदा जेल में फांसी दी गई थी। इस मामले में बीते 16 जून को अबू सलेम सहित 5 लोगों को कोर्ट ने दोषी करार दे दिया था।
टाडा अदालत ने इस मामले में अबू सलेम, मुस्तफा दौसा, उसके भाई मोहम्मद दौसा, फिरोज अब्दुल राशिद खान, मर्चेंट ताहिर और करीमुल्लाह शेख को दोषी ठहराया था. इनमें से एक मुस्तफा दौसा की मौत हो चुकी है।
ये वाकिया साल 1993 में माह मार्च का है जब बेपरवाह मायानगरी बमों के धमाकों से सहम सी गई थी। ये ब्लास्ट पाकिस्तान की खुफिया एजेन्सी आईएसआई और अन्तर्राष्ट्रीय अपराधी दाउद इब्राहिम द्वारा अंजाम दिए गए थे। साल 1995 से इस मामले में अदालत में केस चलना शुरू हुआ था। साल 2002 में कई अपराधियों को प्रत्यर्पण संधि के जरिए भारत लाया गया था, जिसमें अबू सलेम भी शामिल है। इस मामले में सात लोगों के केस को अदालत ने अलग कर दिया था जिन पर आज फैसला आना है। बाकी पर कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया था। इसके बाद 23 को बरी कर मेमन को फांसी दी गई थी।

सात में से एक बरी हुआ तो एक की हुई थ्‍ाी मौत
इस 7 आरोपियों में एक आरोपी मुस्तफ़ा दोसा की सुनवाई के दौरान दिल का दौरा पड़ने के कारण मौत हो गई थी आज इस मामले में अबु सलेम के साथ 5 आरोपियों की सजा का ऐलान होगा। जिसमें अबु सलेम पर हथियारों को और ब्लास्ट के सामानों के एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने के साथ अभिनेता संजयदत्त को हथियार देने का भी आरोप लगा है। ताहिर मर्चेंट, फिरोज अब्दुल राशिद खान, करीमुल्लाह, अबू सलेम, रियाज़ सिद्दीक़ी को पर सजा का ऐलान होना है। इस मामले में दोसा मुख्य आरोपी था।

ये थे आरोप
mumbai-balst-1इस मामले में आरोपी ताहिर मर्चेंट पर भी धमाकों की साजिश के साथ आरोपियों को ट्रेनिंग देने और पाकिस्तान या दूसरे मुल्कों में भागने में मदद करने का आरोप है। इसी मामले में रियाज सिद्दीकी के ऊपर आरडीएक्स भरी मारूती बैन गुजरात के भरूच से लाकर सलेम के हवाले करने का आरोप लगा है। फिरोज खान इस मामले में मुख्य अभियुक्त दोसा का करीबी रहा है। इस पर भी हथियारों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर पहुंचाने का आरोप लगा है। इसके साथ ही करीमुल्लाह शाह पर भी हथियारों और ब्लास्ट के सामानों को हर जगह प्लान्ट करने का आरोप लगा है।

हादसे से थर्रा गई थी पूरी दुनिया
साल 1993 में माया नगरी मुम्बई में हुए धमाकों के बाद देश ही नहीं विश्व थर्रा गया था। पहली बार ये धमाके इस कदर हुए थे कि आतंक की आहट को देश के हर कोने में महसूस किया गया था। इस मामले में पुलिस ने 10 हजार पन्नों का आरोप पत्र दाखिल किया था। जिसमें 189 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था। लेकिन इस मामले में 123 लोगों पर मुकदमा चला। जिसमें 23 को बरी कर दिया गया। 100 लोगों को सजा हुई थी। जिसमें संजय दत्त भी शामिल थे। इस मामले में 27 अभियुक्त अभी भी फरार हैं।
अबु सलेम यूं तो साजिश की धारा 120बी और हत्या के तहत दोषी पाया गया है। ऐसे में मौत की सजा का प्रावधान है, लेकिन अबु सलेम को पुर्तगाल से सशर्त लाया गया है कि उसे 25 साल से ज्यादा की सजा नहीं दी जा सकती। सीबीआई के विशेष सरकारी वकील दीपक साल्वी ने भी उसके लिए मौत की सजा की मांग ना करते हुए अधिक से अधिक सजा की मांग की थी। वहीं ताहिर मर्चेंट, करीमुल्लाह खान और फ़िरोज़ अब्दुल राशिद खान ये सभी भी साजिश की धारा 120 बी, टाडा और हत्या के तहत दोषी पाए गए हैं। विशेष सरकारी वकील ने इनके लिए मौत की सजा की मांग की गई थी।