अजय विद्युत

यह लगातार तीसरी बार है। कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गरीब आदमी की तरह से दिखने का ‘किरदार’ निभाते हुए कुछ न कुछ ऐसा कर बैठते हैं कि पब्लिक उनकी भूमिका का सोशल मीडिया पर जमकर उपहास उड़ाती है। बुधवार को कर्नाटक में उन्होंने गरीबों को सस्ते में भोजन मुहैया कराने के लिए ‘इंदिरा कैंटीन’ का उद्घाटन किया जहां पांच रुपये में नाश्ता और दस दस रुपये में लंच और डिनर की व्यवस्था है। वहां उन्होंने कैंटीन में लंच भी किया। सामने बिसलरी की बोतल है। अब सोशल साइट ट्विटर पर लोग पूछ रहे हैं कि क्या इंदिरा कैंटीन में दस  रुपये में लंच और बिसलरी दोनों की व्यवस्था है। और अगर बिसलरी लंच में शामिल नहीं है तो कैंटीन में रखी ही क्यों गई है क्योंकि एक दृश्य में बिसलरी की कुछ बोतलें रखी दिखाई दे रही हैं। राहुल ने कहा कि ‘यह गरीबों को सस्ता और अच्छा भोजन मुहैया कराने की शुरुआत है। आप देखेंगे कि कल भाजपा के नेता भी इस भोजन को करने के लिए लाइन लगाए खड़े होंगे।’

तुरंत ही राहुल की आलोचना करने वाले ट्विटर पर सक्रिय हो गए

Rahul Bisleri 1‘भाजपा के नेता भी यहां लाइन लगाकर खाना खाएंगे’ राहुल गांधी की इस बात पर तंज कसते हुए प्रशांत पद्मनाभ ने कहा- ‘हमारे मंदिरों में लाखों लोगों को उनका राजनीतिक दल पूछे बिना खाना खिलाया जाता है। तो आप इंदिरा कैंटीन का झूठा महिमामंडन बंद कीजिए।’ नामदेव कहालेकर ने लिखा- ‘क्या यह कैंटीन लोगों को दस रुपये में ही खाने के साथ मिनरल वाटर की बोतल भी दे रही है।’ पुनीत कुमार ने @आॅफिसआॅफआरजी को ट्वीट कर पूछा है- ‘इसमें कितने रुपये खाने के हैं और कितने बिसलरी की बोतल के।’ प्रवीन चतुर्वेदी कांग्रेस उपाध्यक्ष की खिंचाई करते हुए पूछते हैं- ‘साथ में बिसलरी की बोतल भी मिलेगी।’ एक अन्य यूजर लिखते हैं- ‘कृपया देश को भिखारी मत बनाइए। आप उनको रोजगार दीजिए कि वे कहीं भी खा सकें।’

पांडेजी लिखते हैं- ‘ये जो भी काम करेंगे उसमें अपने खानदान का नाम जरूर जोड़ देंगे। कभी इन्होंने देश को प्राथमिकता दी है अपने खानदान के नाम के आगे।’ धनंजय ने लिखा- ‘जैसी बिसलरी की बोतल फोटो में दिख रही है राहुल गांधी और उनकी टीम के खाना खाते समय, वही आम लोगों को भी मिलेगी।’

कुल मिलाकर ट्विटर पर राहुल गांधी का जमकर मजाक उड़ाया गया। इससे पहले उत्तर प्रदेश के चुनावों के दौरान एक चुनावी सभा में जब राहुल फटा कुरता पहनकर पहुंचे थे तब भी उनका बहुत मजाक बना था। नए कुरते पर कैंची चलाकर जेब फाड़ना लोगों को गरीब से जुड़ने का गंभीर प्रयास नहीं लगा। इससे पहले राहुल का दलित के घर जाकर सोना और खाना उनकी टीम का ऐसा मास्टर स्ट्रोक था जो बैकफायर कर गया। ट्विटर पर लोगों का कहना था कि ‘ सोने के लिए चारपाई मंगवाई गई और भोजन भी कहीं बाहर से आया था।’

हालांकि कांग्रेस के प्रति सद्भावना रखने वाला एक तबका अब भी यही मान रहा है कि आने वाले दिनों में कांग्रेस उपाध्यक्ष की जनता के बीच एक गंभीर छवि बनेगी।