सुनील वर्मा

देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव के लिए संसद और सभी राज्यों की विधानसभाओं में आज वोट डाले जा रहे हैं। वोटिंग शुरू हो गई है। पीएम मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने संसद में बने मतदान केंद्र में अपना वोट डाला है । नए राष्ट्रपति के चुनाव में एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार के बीच सीधा मुकाबला है इसके लिए कुल 32 मतदान केंद्रों पर वोट डाले जा रहे हैं।
आज के चुनाव में पहली बार चुनाव आयोग ने एक विशेष पेन का इस्तेमाल वोट डालने वाले सभी सांसदों और विधायकों के लिए अनिवार्य किया है। आपको बता दें कि आज के चुनाव में देशभर के सभी विधायक और लोकसभा राज्यसभा के सांसद हिस्सा ले रहे हैं। महामहिम के चुनाव में सांसदों के वोट की कीमत सबसे ज्यादा होती है।

meera-kovindतय है रामनाथ कोविंद की जीत
60 फीसद मतों के साथ कोविंद की जीत तय है। चूंकि राष्ट्रपति चुनाव के लिए व्हिप जारी नहीं किया जाता है, इसलिए चुनाव में क्रॉस वोटिंग होने की भी संभावना है। माना जा रहा है कि कोविंद राजग के बाहर से मिले वोटों के दम पर प्रणब मुखर्जी से ज्यादा मतों के साथ चुनाव जीत सकते हैं। साल 2012 के चुनाव में प्रणब ने 69 फीसद वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी पीए संगमा को हराया था।
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल इस साल 24 जुलाई को पूरा हो रहा है। अब तक मुखर्जी समेत 13 लोग इस पद पर रह चुके हैं। इन चुनावों में कुल 4896 मतदाता-4120 विधायक और 776 सांसद – अपने मताधिकार का प्रयोग करने के लिये पात्र हैं। राज्यों की विधान परिषद के सदस्य विधान पार्षद इस चुनाव में हिस्सा नहीं लेते है।

एनडीए के पास हैं कुल 5,37,683 वोट
लोकसभा अध्यक्ष जहां इस चुनाव में मत डाल सकता है वहीं एंग्लो-इंडियन समुदाय से लोकसभा में नामित होने वाले दो सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता है। राज्यसभा के भी 12 नामित सदस्य इन चुनावों में मतदान के अयोग्य होते हैं। यह चुनाव क्योंकि गोपनीय मतपत्र के जरिये होता है इसलिये पार्टियां अपने सदस्यों को किसी खास उम्मीदवार के पक्ष में मत डालने के लिये व्हिप जारी नहीं कर सकतीं। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के पास शिवसेना को मिलाकर कुल 5,37,683 वोट हैं और उसे करीब 12000 और मतों की जरूरत है। हालांकि बीजद, टीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस से समर्थन के वादे और एआईएडीएमके के एक धड़े से समर्थन की संभावना राष्ट्रपति चुनावों में वोटों की कमी के अंतर को पूरा कर सकती है। इस चुनाव में वोट देने वाले सांसदों और विधायकों को मतदान केंद्र के भीतर अपना पेन ले जाने से मना किया गया है और वे विशेष रूप से डिजाइन किये गए मार्कर से मतपत्र पर निशान लगाएंगे।

नहीं ले जा सकेंगे अपना पेन
इस बार का चुनाव दो मायनों में खास होने जा रहा है। पहला यह कि वोटर मतदान कक्ष में अपना पेन नहीं ले जा सकेंगे। उन्हें चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए जाने वाले खास पेन से ही वोट करना होगा। दूसरी बात यह कि आयोग ने वोटरों के लिए पहली बार ‘क्या करें और क्या नहीं करें’ का स्पेशल पोस्टर तैयार कराया है। इसमें खास पेन के इस्तेमाल करने के साथ ही यह हिदायत भी दी गई है कि किसी प्रत्याशी के पक्ष में निर्देश या व्हिप जारी नहीं किए जाएं।

खास पेन की जरूरत क्यों
पिछले साल राज्यसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में इंक के कारण कुछ मत रद हो गए थे। इस पर भारी विवाद हुआ था। इसी के बाद आयोग ने राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति के चुनाव में खास पेन के इस्तेमाल का फैसला किया। वोटरों को खास सीरियल नंबर वाले बैंगनी (वायलेट) इंक वाले पेन से ही वोट मार्क करना होगा। आयोग ने चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के समय ही स्पष्ट कर दिया था कि किसी अन्य पेन का इस्तेमाल करने पर वोट अमान्य कर दिया जाएगा।

55 सांसद डालेंगे राज्यों में वोट
चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर समेत 55 सांसदों को राज्य विधानसभाओं में वोट डालने की इजाजत दे दी है। इनमें 14 राज्यसभा और 41 लोकसभा के सदस्य हैं। इसके अलावा पांच विधायक संसद भवन स्थित मतदान केंद्र में वोट डालेंगे।

वोटो का गणित
देशभर में कुल 4896 विधायक और सांसद हैं और इनके वोटों की कुल वैल्यू 1098903 है। आज वोट करने वाले कुल विधायक 4120 हैं और उनके वोटों की कुल कीमत 549495 है। राष्ट्रपति चुनाव की असली कुंजी लोकसभा के सांसदों के हाथ में है। यानी सिर्फ 543 सांसद और वोटो की वैल्यू 384444. इसके अलावा राज्यसभा के कुल 233 सांसद भी इस चुनाव में वोट डाल रहे हैं जिनके वोट की कीमत 164964 है।
वोट वैल्यू के लिहाज से राज्यों के बीच यूपी नंबर वन पर है। यहां कुल 403 विधायक हैं और इसकी वोट वैल्यू 83616 है। इसके बाद नंबर दो पर है महाराष्ट्र और तीन नंबर पर वोट वैल्यू के लिहाज से है बिहार।

इस चुनाव जानिए की कुछ खास बातें
* 32 पोलिंग स्टेशन देशभर में राष्ट्रपति चुनाव के लिए बनाए गए हैं.
* 02 रंग के बैलट पेपर हैं इस चुनाव के लिए. हरे रंग का बैलट पेपर सांसदों के लिए और गुलाबी रंग का बैलेट पेपर विधायकों के लिए रखा गया है.
* 33 पोल आॅब्जर्वर देशभर में तैनात किए गए हैं इस राष्ट्रपति चुनाव के आयोजन के लिए.
* 20 जुलाई को इस चुनाव के नतीजे आएंगे.